निशानेबाज नहीं फुटबॉलर बनना चाहते थे सरबजोत सिंह, जानें शूटिंग में कैसे आई रुचि

हरियाणा के अंबाला जिला का रहने वाले सरबजोत सिंह हाल में ही पेरिस ओलंपिक 2024 में निशानेबाजी में कांस्य पदक जीता है। लेकिन, क्या आपको पता है सरबजोत सिंह पहले निशानेबाज नहीं बल्कि फुटबॉल बनना चाहते थे। तो आज इस खबर में जानेंगे कि इन्हें आखिर कैसे फुटबॉल से निशानेबाजी में रुचि आई।

Updated On 2024-08-01 16:59:00 IST
सरबजोत सिंह की जीवनी

Sarabjot Singh Biography in Hindi: पेरिस ओलंपिक में हरियाणा के करीब 24 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिसमें से कई खिलाड़ी पदक भी जीत चुके हैं। मनु भाकर के साथ सरबजोत सिंह 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ी हरियाणा के अंबाला के रहने वाले हैं। सरबजोत सिंह ने साल 2022 के एशियन गेम्स में एक रजत और दो स्वर्ण पदक जीते थे। साथ ही साल 2023 में वर्ल्ड कप और एशियाई चैंपियनशि, वर्ल्ड चैंपियनशिप, जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी पदक जीते हैं। आप सोच रहे हैं कि सरबजोत सिंह के बारे में इस वक्त हम क्यों बता रहे हैं। तो आइए सरबजोत सिंह के बारे में कुछ दिलचस्प कहानी जानते हैं।

सरबजोत सिंह का जन्म, शिक्षा और परिवार

हरियाणा राज्य के अंबाला जिले के धीन गांव के रहने वाले हैं सरबजोत सिंह। जन्म 30 सितंबर 2001 में हुआ है। इनके पिता का नाम जतिंदर सिंह जो पेशे से एक किसान हैं, वहीं उनकी मां का नाम हरदीप कौर जो गृहिणी है। सरबजोत सिहं अपनी स्कूली शिक्षा दीक्षा चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज सेक्टर 10 से पूरी की है। उसके बाद साल 2023 में पंजाब यूनिवर्सिटी से बीए कर आर्ट्स में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है।

बचपन में था फुटबॉलर बनने का सपना

पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जितने वाले सरबजोत सिंह निशानेबाज नहीं बल्कि फुटबॉलर बनना चाहते थे। एक बार ग्रीष्म काल में उन्होंने बच्चों को पिस्तौल से कागजों पर निशाना साधते हुए देखा। उसके बाद से उनके मन में निशानेबाजी की ओर रुचि जागने लगी। बता दें कि बच्चों को देखकर उन्होंने तुरंत शूटिंग को अपना करियर बनाने का फैसला कर लिया। फैसला लेने के बाद सरबजोत सिंह अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी। कई बार जिला स्तरीय टूर्नामेंट में रजत पदक जिता। 2016 में अभिषेक राणा से सरबजोत सिंह कोचिंग लेना शुरू कर दी। अभिषेक राणा के अलावा उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर समरेश जंग से भी ट्रेनिंग दी है। समरेश जंग एक अच्छे-खासे निशानेबाज रहे हैं।

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