सांसों पर बढ़ने लगा खतरा: बहादुरगढ़ में 229 पहुंचा एक्यूआई, दिवाली से पहले लगी ग्रेप वन की पाबंदी
राष्ट्रीय राजधानी से सटे बहादुरगढ़ में वायु प्रदूषण में बढ़ोत्तरी ने दिवाली से पहले ही सांसों पर खतरा बढ़ा दिया है। एक्यूआई 229 पर पहुंचते ही ग्रेप वन की पांबंधी लग गई हैं।
फोटो से समझे : एक्यूआई बढ़ने से कैसे पड़ता है प्रभाव
सांसों पर बढ़ने लगा खतरा : इस साल मनाई जानी वाली दीपावली से पहले ही हरियाणा की आबो हवा जहरीली होने लगी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में मंगलवार को एक्यूआई 229 तक पहुंच गया। जिससे वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंचने के साथ ही प्रशासन एक्शन में आ गया तथा तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का पहला चरण लागू कर दिया गया है। जिससे आने वाले दिनों में आबो हवा और अधिक जहरीली होने का खंतरा अभी से मंडराने लगा है। जिससे आने वाले दिनों में पाबंधियों का स्तर भी बढ़ाएं जाने की संभावनाएं अभी से जताई जाने लगी हैं।
चरणबद्ध तरीके से लागू होंगी पांबंधी
बहादुरगढ़ में बीते कई दिनों से वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब होती जा रही है। मंगलवार को एक्यूआई 229 रिकॉर्ड हुआ। यह खराब श्रेणी में आता है, जहां आम लोगों को भी प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव होने लगते हैं। हवा की दिशा और गति कमजोर होने की स्थिति में प्रदूषण और अधिक जमी हो सकता है। यदि प्रदूषण बढ़ता रहा, तो ग्रेप के अगले चरण की पाबंदियां लागू हो सकती हैं। हवा की सेहत दुरुस्त रखने के लिए सार्वजनिक जागरूकता और प्रशासन की कार्रवाई बहुत महत्वपूर्ण होगी। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि ग्रेप की पाबंदियां चरणबद्ध तरीके से लागू की जाती हैं।
जानिए क्या-क्या होगा प्रभावित
एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेप का प्रथम चरण लागू किया गया है। ग्रेप के पहले चरण में धूल उड़ाने वाले निर्माण एवं खुदाई कार्य बंद रहेंगे। खुले में कचरा या पत्तियां जलाने पर प्रतिबंध का सख्ती से पालन होगा। सड़कों की पानी से सफाई समेत धूल रोकने वाले उपाय करने होंगे। निजी वाहनों की संख्या कम करना, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना होगा। जनरेटर आदि पर निगरानी रहेगी। गौरतलब है कि बहादुरगढ़-एनसीआर में पहले भी इसी तरह की पाबंदियां लागू की जा चुकी हैं। जब एक्यूआई 200 से ऊपर पहुंचता है तो ये बंदिशें लागू हो जाती हैं। डॉ. बीएन मिश्रा के अनुसार खराब श्रेणी में वायु में मौजूद सूक्ष्म कण सांस की नली, फेफड़ों और हृदय पर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं। सांस लेने में तकलीफ, खांसी, गले में खराश, आंखों में जलन, थकान आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं। डॉ. सुखपाल धारीवाल के अनुसार खराब वायु गुणवत्ता के कारण बच्चे, बुज़ुर्ग, सांस या फेफड़े की समस्या वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
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