World Asthma Day 2025: विश्व अस्थमा दिवस पर दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते सांस के मरीजों के लिए सलाह: जानें क्या कहती है GINA की रिपोर्ट
World Asthma Day 2025: 06 मई को पूरे विश्व में अस्थमा दिवस मनाया जाएगा। इस साल GINA ने एक अनोखी थीम रखी है। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी अपने फेफड़ों का खास ख्याल रखना चाहिए।
World Asthma Day 2025: अस्थमा के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। हालांकि अस्थमा के मामले सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में ही होते हैं। भारत में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट में दिल्ली-एनसीआर सबसे आगे है। हर साल दिवाली के समय और दिवाली के बाद यहां प्रदूषण के कारण एक्यूआई 550 तक पहुंच जाता है।
विश्व अस्थमा दिवस के लिए 2025 का थीम
हर साल अलग-अलग थीम के तहत लोगों को जागरूक किया जाता है। साल 2025 में विश्व अस्थमा दिवस 2025 का विषय 'सांस द्वारा लिए जाने वाले उपचारों को सभी के लिए सुलभ बनाएं' रखा गया है। इस विषय के तहत कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसी आवश्यक सांस की दवाओं को लोगों तक समान रूप से पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया जाएगा। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसी आवश्यक सांस की दवाएं अस्थमा के प्रबंधन और गंभीर मामलों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
क्या कहती है GINA की रिपोर्ट?
'ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा' (GINA) की रिपोर्ट के अनुसार, अस्थमा सबसे पुरानी आम गैर-संचारी बीमारियों (नॉन-कम्युनिकेबल) में से एक है, जो विश्व भर में 260 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है। यह दुनिया भर में हर साल 450,000 से अधिक मौतों के लिए भी जिम्मेदार है। हालांकि, इनमें से ज्यादातर मौतें रोकी जा सकती हैं।
किन देशों में आसानी से नहीं मिलती कॉर्टिकोस्टेरॉइड
निम्न-मध्यम आय वाले देशों में, सांस द्वारा ली जाने वाली दवाएं (Inhaled Medicines) आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती हैं, विशेष रूप से सांस द्वारा ली जाने वाली कॉर्टिकोस्टेरॉइड युक्त इनहेलर। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि या तो इनकी कमी होती है, या फिर ये अत्यधिक महंगी होने कारण निचले तबके के मरीजों की पहुंच से बाहर हो जाती हैं। इसलिए वैश्विक अस्थमा से होने वाली 96% मौतें भी निम्न-मध्यम आय वाले देशों में ही होती हैं।
बता दें कि 'ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा' (GINA) की शुरुआत 1993 में हुई थी। इस संस्था ने विश्व अस्थमा दिवस की शुरुआत 1998 में की थी। इसके लिए अमेरिकी संगठन NHLB (द नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट) के सहयोग से की गई थी।
ऐसे बरतें सावधानी
ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में सांस संबंधी मरीजों को को अपनी फेफड़ों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए उन्हें ये सावधानियां बरतनी चाहिए।
- डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयों का नियमित सेवन
- सांस संबंधी 5 परेशानी बढ़ने पर तुरंत फेफड़े संबंधी विशेषज्ञ से संपर्क करें।
- धूल, मिट्टी जैसे एलर्जी उत्पन्न करने वाले कारकों के संपर्क में आने से बचें।
- धूम्रपान का सेवन न करें।
- श्वसन संबंधी व्यायाम करें।
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(Edited By: Deepika)