DU News: रामजस कॉलेज के प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप, छात्रों के विरोध के बाद दिया इस्तीफा

दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे एक प्रोफेसर ने बुधवार को छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया। कॉलेज प्रशासन पर कोई कार्रवाई नहीं करने पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

Updated On 2025-01-09 12:09:00 IST
डीयू के रामजस कॉलेज के प्रोफेसर ने इस्तीफा दिया।

DU Professor Ramjas College sexual harassment case: दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज के एक प्रोफेसर पर नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। इस मामले में छात्रों द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन के बाद प्रोफेसर ने बुधवार देर शाम अपना इस्तीफा दे दिया। यह घटना कथित तौर पर पिछले साल दिसंबर की है, जब प्रोफेसर ने एक नाबालिग छात्रा के साथ दुर्व्यवहार किया था।  

इंटरनल कम्प्लेंट्स समिति में दर्ज शिकायत

छात्रा की ओर से इस मामले की शिकायत पिछले महीने कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) को की गई थी। हालांकि, छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते उन्हें प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ा। जहां, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP ), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) जैसे छात्र संगठनों ने बुधवार को प्रदर्शन कर प्रोफेसर के निलंबन की मांग की।  

DU के कैम्पस में झड़प और हिंसा

प्रदर्शन के दौरान कॉलेज परिसर में झड़प की भी खबरें सामने आईं। अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर छात्रों पर डंडों और अन्य चीजों से हमला किया। आइसा और एसएफआई ने आरोप लगाया कि ये हमलावर एबीवीपी के सदस्य थे। हालांकि, एबीवीपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वामपंथी संगठन आरोपित प्रोफेसर को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, कॉलेज के एक शिक्षक ने बताया कि झड़प उस समय शुरू हुई जब कुछ छात्र विरोध की तैयारियां कर रहे थे। गरमागरमी इतनी बढ़ गई कि एक प्रोफेसर को बीच-बचाव करना पड़ा। इसके बाद भी शाम तक प्रदर्शन जारी रहा।

आइसा और एसएफआई का बयान

आइसा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी के सदस्यों ने छात्रों और अंग्रेजी विभाग के एक शिक्षक पर हमला किया। जबकि, एसएफआई ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्यों ने बाहरी लोगों के साथ मिलकर छात्रों को डंडों और फूलदानों से पीटा। एसएफआई ने यह भी कहा कि एक तीसरे साल का छात्र गंभीर रूप से घायल हुआ और उसे अस्पताल ले जाया गया। वहीं, एबीवीपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वामपंथी संगठन छात्रों को गुमराह कर रहे हैं। एबीवीपी दिल्ली राज्य सचिव हर्ष अत्री ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। कुछ वामपंथी झुकाव वाले प्रोफेसरों ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को धमकाने की कोशिश की। हम पिछले महीने से पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। 

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प्रोफेसर ने दिया इस्तीफा

लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों और बढ़ते दबाव के बीच प्रोफेसर ने बुधवार देर शाम अपना इस्तीफा दे दिया। इस मामले ने कॉलेज प्रशासन और आंतरिक शिकायत समिति की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आइसा ने यह भी दावा किया कि आरोपित प्रोफेसर पहले भी ऐसे मामलों में लिप्त रह चुका है और 2021 में उसके खिलाफ इसी प्रकार की शिकायत दर्ज की गई थी। साथ ही इस मामले की जांच जारी है और छात्रों ने निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।

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