Water Issue: केजरीवाल दिल्ली पर क्यों गुस्सा निकाल रहे? नायब सैनी ने पूछा सवाल; मान ने केंद्र को घेरा

पंजाब और हरियाणा के बीच पानी बंटवारे को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही। आज भी दोनों राज्यों के सीएम ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।

Updated On 2025-05-22 19:06:00 IST

हरियाणा के सीएम नायब सैनी और पंजाब के सीएम भगवंत मान। 

पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर सियासी जंग चल रही है। इसका खामियाजा दिल्ली के लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में दिल्ली के लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हरियाणा के सीएम नायब सैनी से जब मीडिया से इस बारे में बात की, तो उन्होंने इसके लिए पूरा दोष अरविंद केजरीवाल पर डाल दिया। वहीं, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी पूरा ठीकरा हरियाणा और केंद्र सरकार पर मढ़ दिया। सबसे पहले बताते हैं कि सीएम नायब सैनी ने क्या कहा...

सीएम नायब सैनी ने कहा कि गर्मी में पानी की की खपत ज्यादा रहती है। दिल्ली में केजरीवाल की सरकार थी और पंजाब में भी उनके दल की सरकार है। लेकिन वे पीने के पानी पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में भी इस मुद्दे पर सुनवाई चल रही है। लेकिन केजरीवाल न तो लोगों के हित में सोच रहे हैं, न ही उनकी पंजाब सरकार गुरुओं के दिखाए मार्ग पर चल रही है।

केजरीवाल क्यों रोक रहे दिल्ली का पानी

सीएम नायब सैनी ने कहा कि पानी रोककर केजरीवाल दिल्ली के लोगों पर क्यों गुस्सा निकालना चाहते हैं। मुझे ये समझ नहीं आया। पंजाब क लोग भी कह रहे हैं कि पीने का पानी नहीं रोकना चाहिए। सीएम सैनी ने कहा कि पंजाब से भी आम आदमी पार्टी की सरकार जा रही है। पंजाब में भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कमल खिलेगा।

सीएम भगवंत मान का पलटवार

उधर, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पंजाब हमारा परिवार है और परिवार की रक्षा करना हमारी पहली जिम्मेदारी है। हमने पानी के लिए डटकर लड़ाई लड़ी और नहरी व्यवस्था को ठीक करके डैमों का पानी खुद उपयोग किया। इससे किसानों के खेतों तक नहरी पानी पहुंच रहा है।

केंद्र और बीजेपी पर साधा निशाना

सीएम भगवंत मान ने आगे कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने हमेशा पंजाब को दबाने की कोशिश की है। डैम पर CISF के जवानों की तैनाती को मंजूरी देकर उसका खर्च पंजाब सरकार पर डाल दिया है। पठानकोट में हुए हमले के बाद भेजी गई फोर्स का खर्च भी पंजाब सरकार से मांगा गया था।

उन्होंने कहा कि क्या इन केंद्रीय बिलों के माध्यम से पंजाब के पानी को चोरी करने का है? हम 24 मई को नीति आयोग की बैठक में यह मुद्दा उठाएंगे।

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