Delhi Police: दिल्ली के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियां, पुलिस बेबस, जानिये क्यों?
दिल्ली के 20 से ज्यादा कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। हालांकि यह धमकी झूठी पाई गई है, लेकिन सवाल है कि आखिरकार पुलिस इन आरोपियों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है।
दिल्ली के ताज पैलेस होटल को बम से उड़ाने की धमकी मिली। प्रतीकात्मक तस्वीर
देश की राजधानी दिल्ली से आए दिन स्कूल और कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकियां मिलती रहती हैं। आज भी दिल्ली के 20 से ज्यादा कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकियां मिली हैं। हर बार की तरह दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लेकिन, इक्का-दुक्का मामले को छोड़ दिया जाए दिल्ली पुलिस धमकियां देने वालों को पकड़ना तो दूर, सुराग तक नहीं लगा पाती। आइये बताते हैं कि दिल्ली पुलिस आखिरकार इन मामलों को लेकर बेबस क्यों है।
VPN का किया जा रहा इस्तेमाल
साइबर एक्सपर्ट्स की मानें तो मेल से धमकियां भेजने वाला चाहे दिल्ली में ही क्यों न हो, लेकिन पुलिस का उस तक पहुंचना मुश्किल है। कारण यह है कि ऐसे लोग मेल भेजने के लिए VPN नेटवर्क यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का माध्यम का इस्तेमाल करते हैं। इस कारण पुलिस को डिटेल ही नहीं मिल पाती है।
वीपीएन नेटवर्क तक की आसान पहुंच
पुलिस भले ही वीपीएन नेटवर्क का इस्तेमाल करने वाले लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है, लेकिन इस नेटवर्क का इस्तेमाल करना आम लोगों की पहुंच में है। ग्रीनलैंड, सिंगापुर, पनामा और कनाडा जैसे देशों में वीपीएन नेटवर्क सस्ते दामों पर मिल जाता है। ऐसे में विदेश में बैठे भारत विरोधी तत्व ऐसी धमकियां देकर परेशान करते हैं।
स्कूलों के लिए यह सलाह
स्कूल और कॉलेज संचालक लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि बम की धमकियां देने वालों को जल्द से जल्द अरेस्ट किया जाए ताकि शिक्षण कार्यों में बाधा न हो। इस सवाल पर साइबर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि स्कूलों और कॉलेजों को ऐसी झूठी मेल से बचने के लिए फायर वॉल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसे एंटीवायरस की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि इस पर स्कूलों को थोड़ा ज्यादा खर्च करना होगा, लेकिन भविष्य में अनवांटेड मेल से पूरी तरह छुटकारा मिल जाएगा।