Supreme Court: महिला की मांग पर सुप्रीम कोर्ट के जज की कड़ी टिप्पणी, कहा- 'पति को लट्टू मत समझिए'

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला को फटकार लगाई। मामला दो पति-पत्नी के बीच का था। इस पर कोर्ट ने दोनों को अपने-अपने अहंकार को भूलकर एक होनों की निर्देश दिया।

Updated On 2025-10-15 19:17:00 IST

सुप्रीम कोर्ट से गुरुग्राम एसटीएफ को झटका

Supreme Court Remarks: सुप्रीम कोर्ट ने एक पारिवारिक विवाद पर टिप्पणी करते हुए महिला को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, 'पत्नी को अपने पति को लट्टू नहीं समझना चाहिए।' सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीवी नागरत्ना और आर. महादेवन की बेंच ने दंपति से कहा कि नसीहत दी कि उन्हें अपने अहंकार को भूलकर अपने बच्चों के बारे में सोचना चाहिए।

दरअसल, दंपति की बीच खटास इस कदर बढ़ गई है कि उनका बच्चा भी इस विवाद का शिकार हो रहा है। पति दिल्ली में रेलवे के कर्मचारी है। वहीं पत्नी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में नौकरी करती है, जो अभी पटना में ही अपने माता-पिता के साथ रह रही है। परिजनों महिला के की तरफ से पति के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है, जिसकी वजह से पति का कहना है कि वह अपने ससुराल में घर जमाई बनकर नहीं रह सकता है।

पति की बात मानने को तैयार नहीं पत्नी

सुप्रीम कोर्ट में पति ने कि वह पटना में अपना अलग घर लेकर वीकेंड पर अपने बीबी बच्चों से मिलने जाने को तैयार हैं। इस प्रस्ताव को कोर्ट ने भी अच्छा और संवेदनशील बताया। हालांकि पत्नी ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया और इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। पत्नी का कहना है कि उसे दिल्ली में आकर अपने पति से मिलने में झिझक लगती है, क्योंकि ससुराल पक्ष में मतभेद हैं।

इस पर अदालत ने पति से कहा कि वह पटना में अपने बच्चों से मिलने के लिए व्यवस्था करे या फिर अगर पत्नी दिल्ली आना चाहे, तो वो अपने माता-पिता को किसी होटल या फिर गेस्ट हाउस में रुकवाने की व्यवस्था करे, जिससे पत्नी को असहज महसूस न हो।

जस्टिस नागरत्न की टिप्पणी

इस मामले पर जस्टिस नागरत्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'देखिए आज मां-बाप की स्थिति क्या हो गई, अब उन्हें घर से बाहर रहना पड़ेगा क्योंकि उनकी बहू उनके साथ नहीं रहना चाहती। जस्टिस नागरत्न ने एक कहावत का उदाहरण देते हुए कहा, 'पत्नी को पति को लट्टू नहीं समझना चाहिए।'

मामले की सुनवाई के अंत में बेंच ने दोनों पक्षों को मध्यस्थता की सलाह दी। कोर्ट ने कहा कि दंपति को अपने बच्चों की मानसिक स्थिति और भविष्य पर ध्यान देना चाहिए।

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