No Fuel Policy: 'दिल्ली बीजेपी ने पड़ोसी राज्यों को भी फंसा दिया', CAQM के आदेश पर भड़के सौरभ भारद्वाज
सीएक्यूएम ने ईओएल वाहनों को ईंधन न देने का फैसला एक नवंबर तक टाल दिया है। लेकिन, एनसीआर के 5 शहर सीएक्यूएम के रडार पर आ गए हैं, जिससे सियासत शुरू हो चुकी है।
नो फ्यूल पॉलिसी को लेकर दिल्ली बीजेपी सरकार पर भड़के सौरभ भारद्वाज।
दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को एक जुलाई से ईंधन न देने का फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की ओर से वापस ले लिया गया है। लेकिन, स्पष्ट भी किया है कि एक नवंबर से ऐसे वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाना चाहिए। यही नहीं, दिल्ली एनसीआर के शहरों में शुमार गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत में भी 1 अप्रैल 2026 से एंड ऑफ लाइफ (ईओएल) वाहनों को भी ईंधन न देने का आदेश जारी किया गया है। ऐसे में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली भाजपा सरकार पर जोरदार हमला किया है।
आम आदमी पार्टी, दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे को लेकर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने दिल्ली के लोगों से झूठ बोला और अपने साथ पड़ोसी शहरों को भी फंसा दिया। भाजपा सरकार के मंत्री ने एक मार्च को कहा था कि 31 मार्च से पुरानी गाड़ियों को तेल नहीं देंगे। 31 मार्च तक तैयारी नहीं कर पाए तो 30 जून के बाद तुगलकी फरमान जारी कर दिया। इसके बाद विरोध शुरू हुआ तो दिल्ली की जनता को बेवकूफ बनाने के लिए चिट्ठीबाजी करनी शुरू कर दी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार और उनके मंत्री की वजह से आज दो करोड़ परिवार मुसीबत में आ गए हैं। उन्होंने पूछा कि सीएक्यूएम के साथ रहने वाले क्या सुप्रीम कोर्ट में अपने स्टैंड के खिलाफ खड़े हो जाएंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार की वाहन निर्माता कंपनियों के साथ मिलीभगत है। इन कंपनियों को अरबों रुपये का फायदा पहुंचाने के लिए दो करोड़ परिवारों को परेशान करने की तैयारी कर दी है।
आतिशी ने की विशेष सत्र बुलाने की मांग
दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीएक्यूएम के आदेश ने बीजेपी को एक्सपोज कर दिया है। उन्होंने कहा कि चाहे बिजली की बढ़ती कीमतें हों, बिजली कटौती हो या फिर स्कूल फीस, बीजेपी दिल्ली के मध्यम वर्गीय परिवारों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि अब मध्यम वर्ग द्वारा खरीदे गए सेकेंड हैंड वाहनों को भी एक नवंबर को कबाड़ में डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी बीजेपी से मांग है कि इस पर विशेष सत्र बुलाया जाए। विपक्ष आपका समर्थन करेगा, लेकिन बीजेपी की कार स्क्रैपर, कार डीलर और कार कंपनियों से सांठगांठ है, जिसकी वजह से 62 लाख गाड़ियां उठाना चाहती हैं।