NHAI को 'उच्च निर्देश': शिमला जाने वाला यह राजमार्ग 10 दिनों के लिए टोल फ्री? जानिये वजह

माननीय उच्च न्यायालय ने इन समस्याओं को दूर करने के लिए 10 दिन का और समय दिया। कहा कि काम पूरा होने पर ही टोल संग्रह की अनुमति दी जाएगी।

Updated On 2025-11-08 16:11:00 IST

प्रतीकात्मक तस्वीर। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पूरे देश में सड़कों और फ्लाईओवर का जाल बिछाकर राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या बढ़ा रही है। हालांकि वाहन चालकों को इसकी एवज में टोल राशि का भी भुगतान करना पड़ता है। हालांकि सफर सुखद हो तो दिक्कत नहीं, लेकिन ऐसी खामियां रह जाए जो कि जानलेवा साबित हो सकती है, तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में परवाणू-शिमला राजमार्ग पर मरम्मत कार्य अधूरा रहने पर नाराजगी जताई है। उच्च न्यायालय ने राज्य और एनएचएआई को इस अधूरे काम को पूरा करने के लिए 10 दिन का और समय दिया है। कहा है कि जब तक काम अधूरा रहेगा, तब तक टोल संग्रह की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परवाणू-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग की चार लेन परियोजना में देरी और गिरावट के बारे में चिंता जताने वाली याचिका 2017 में दायर हुई थी। याचिका में उल्लेख किया गया कि भूस्खलन, खराब जल निकासी और निरंतर निर्माण गतिविधि के कारण असुरक्षित सड़क की स्थिति बनी है। इस कारण यातायात में भी व्यवधान पड़ता है। चूंकि इस राजमार्ग का निर्माण कार्य 2021 में पूरा होना था, लिहाजा याचिका लंबित रही। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए ताजा रिपोर्ट का अवलोकन किया। कोर्ट ने पाया कि निर्माण कार्य 2021 में पूरा होना था। इस देरी के अलावा अभी तक राजमार्ग के कई हिस्सों की हालत दयनीय है। इसे लेकर हाईकोर्ट ने 18 सितंबर 2025 को परवाणू-शिमला हाईवे पर टोल वसूली पर रोक लगा दी थी। साथ ही, कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया।

अभी तक कुछ समस्याएं बरकरार

परवाणू-शिमला राजमार्ग पर मरम्मत और रखरखाव के कार्य से संबंधित दो रिपोर्ट एनएचएआई की तरफ से माननीय उच्च अदालत के समक्ष पेश किया गए। इस पर अदालत ने टिप्पणी की कि उनकी पिछली टिप्पणी सही थी क्योंकि राजमार्गों की स्थिति बेहद खराब थी। कोर्ट ने कहा कि एनएचएआई ने एक वर्ष के रखरखाव के लिए 15.20 करोड़ रुपये आवंटित किए। यद्यपित छह प्रमुख रूप से प्रभावित राजमार्गों की मरम्मत कर दी गई, लेकिन अभी भी कुछ समस्याएं बनी हैं।

न्यायालय ने इन समस्याओं को दूर करने के लिए 10 दिन का और समय दिया। काम पूरा होने पर ही टोल संग्रह की अनुमति दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि इस राजमार्ग पर बनी समस्याओं को दूर करने के लिए उचित बल उपलब्ध कराया जाए। यह कार्य सुबह जल्दी या देर रात में करने का प्रयास किया जाएगा ताकि वाहन चालकों को किसी प्रकार की परेशानी न आए। 

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