Nepal Violence: नेपाल की तरह भारत में न हो जाए हिंसा? कांग्रेस-सपा नेता जताने लगे चिंता
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्ष के कुछ नेता भारत के हालात को नेपाल से भी बदतर बता रहे हैं। क्या ऐसे बयान नेपाल हिंसा को जस्टिफाई करने के लिए है, समझिये इस रिपोर्ट से...
कांग्रेस नेता उदित राज और सपा नेता आईपी सिंह।
भारत के पड़ोसी राज्य नेपाल में चल रहे राजनीतिक हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। नेपाल की सेना और पुलिस इन प्रदर्शनों पर नियंत्रण करने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। हालात को देखकर लगता नहीं कि नेपाल में जल्द शांति स्थापित हो पाएगी। लेकिन, कुछ भारतीय नेता भारत की तुलना नेपाल से कर रहे हैं। कांग्रेस नेता उदित राज ने भी विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि कुछ मामलों में भारत के हालात नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश से भी बदतर हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि भारत सरकार संविधान को बदलना चाहती है, लेकिन हमारे लोकतंत्र की जड़ें गहरी हैं, जिसे काटा नहीं जा सकता है। संविधान को बदला नहीं जा सकता है वरना यहां भी नेपाल जैसे हालात बने होते। कई युवा चर्चा कर रहे हैं कि नेपाल में महंगाई ज्यादा है, बेरोजगारी ज्यादा है और भ्रष्टाचार की स्थिति भी बेहद खराब है। लेकिन कुछ मामलों में भारत के हालात नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश से भी बदतर हैं। उन्होंने कहा कि भारत में नेपाल जैसी स्थिति नहीं है क्योंकि हमारा संविधान मजबूत है और संवैधानिक संस्थाएं मजबूत हैं।
आईपी सिंह भी लोगों को भड़का रहे?
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आईपी सिंह भी लगातार ऐसे ट्वीट कर रहे हैं, मानों लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए उकसा रहे हैं। आज भी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक समाचार पत्र की प्रति शेयर करते हुए लिखा कि अखबार की हेडलाइन पर ध्यान दीजिए। ज्यादातर अखबार बंद होने की कगार पर हैं, फिर भी आंखें बंद हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन भारत की स्थिति उससे ज्यादा खराब है। इसके अलावा भी कई नेता हैं, जो कि नेपाल से ज्यादा भारत के हालात बदतर बता रहे हैं।
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