नजफगढ़ फायरिंग केस: गैंगस्टर भाऊ के 2 शूटर मसूरी से गिरफ्तार, SHO का बेटा भी शक के दायरे में
Firing Case: दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में रोहित लांबा पर फायरिंग मामले में पुलिस ने दो शूटरों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें मसूरी से गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने दो शूटरों को किया गिरफ्तार।
Firing Case: दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में फायरिंग मामले में पुलिस ने दोनों शूटर्स को गिरफ्तार कर लिया है। शूटर्स की पहचान हिमांशू और मनीष के रूप में हुई है। द्वारका जिले की ऑपरेशन सेल टीम उन्हें दिल्ली ले आई है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने उन्होंने रोहित लांबा पर हमला करने के लिए बहादुरगढ़ से रेंट पर स्कॉर्पियो ली थी। हालांकि गलियां छोटी होने के कारण गाड़ी बदलनी पड़ी। इसके बाद 28 अक्टूबर की रात नजफगढ़ के अर्जुन पार्क पहुंचे। उन्होंने वहां कई राउंड फायरिंग की थी।
घटना के बाद दोनों आरोपी मसूरी भाग गए। उन्होंने बताया कि वे रोहित लांबा को मारने आए थे, लेकिन वो बाल-बाल बच गया। बता दें कि रोहित लांबा कुख्यात गैंगस्टर अशोक प्रधान गिरोह का मेंबर है। कहा जा रहा है कि रोहित लांबा पर 4 मर्डर समेत 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वो कुछ वक्त पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आया था। साल 2022 में क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे गिरफ्तार किया था।
पुलिस जांच में सामना आया कि दोनों शूटरों को रोहित लांबा को मारने के लिए 4 लाख रुपये देने की डील हुई थी। इस बारे में द्वारका डीसीपी अंकित सिंह के निर्देश पर एसीपी ऑपरेशन राम अवतार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर कमलेश कुमार, सुभाष चंद, हेड कॉन्स्टेबल जगत समेत कई पुलिसकर्मियों ने मामले में आगे की जांच शुरू की।
जानकारी के अनुसार, दो शूटरों ने रोहित लांबा पर जानलेवा हमला किया। रोहित लांबा एक भगोड़ा है, जिसकी दिल्ली पुलिस लंबे समय से तलाश कर रही है। झज्जर जेल में बदमाश दीपक से किसी बात को लेकर उसकी कहासुनी हुई थी। जब दीपक जेल से बाहर आया, तो उसने हिमांशु भाऊ गैंग से संपर्क किया। हिमांशु भाऊ ने विदेश में बैठे-बैठे दो शूटरों को दिल्ली भेजकर रोहित लांबा को ठिकाने लगाने की प्लानिंग की। उनके लिए गाड़ी का इंतजाम कराया। उसने रोहित लांबा की फोटो शूटरों को भेजी। इसके बाद उस पर हमला किया गया। वहीं पुलिस जांच में ये भी पता चला है कि दिल्ली के एक एसएचओ का बेटा गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के काफी करीब है।