Delhi Riots 2020: उमर खालिद, शरजील समेत 5 की जमानत पर SC में सुनवाई टली, दिल्ली दंगा से जुड़ा है मामला

Delhi Riots 2020: दिल्ली दंगा मामले के आरोपी उमर खालिद और शरजील इमाम समेत 5 आरोपियों की याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर तक स्थगित कर दिया है। जानें पूरा मामला...

Updated On 2025-09-19 11:50:00 IST

सुप्रीम कोर्ट ने शरजील इमाम समेत अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कीय़

Delhi Riots 2020: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली दंगा 2020 में कथित रूप से बड़ी साजिश रचने के मामले में आरोपी शरजील इमाम, उमर खालिद, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर और शिफा उर रहमान की याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी। अब इन पर 22 सितंबर को सुनवाई होगी। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 सितंबर को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश से जुड़े UAPA मामले में शरजील इमाम और उमर खालिद समेत 9 आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इस फैसले को चुनौती देते हुए शरजील इमाम और उमर खालिद समेत 5 आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। ये पिछले 5 साल से जेल में हैं।

पहले भी टली थी सुनवाई

इससे पहले 12 सितंबर को शरजील इमाम, उमर खालिद समेत अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई होने वाली थी। हालांकि उस दिन सुनवाई नहीं हो पाई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने इन याचिकाओं पर सुनवाई टालते हुए कहा था कि फाइलें देर रात को मिली हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका

2 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा समेत 9 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। आरोपियों में उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा के अलावा अतहर खान, मीरान हैदर, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और अब्दुल खालिद सैफी शामिल हैं। इनमें से उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

उमर खालिद और शरजील इमाम समेत अन्य पर दिल्ली में हुए इन दंगों की बड़ी साजिश रचने का आरोप है। इनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। ये सभी आरोपी पिछले 5 सालों से जेल में बंद हैं।

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