Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार, 2020 के दंगों की चार्जशीट में पाईं खामियां

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि पुलिस ने दिल्ली दंगा 2020 मामले में जो चार्जशीट दाखिल की है, वो अस्पष्ट है।

Updated On 2025-10-22 14:49:00 IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार।

Delhi High Court: 2020 में दिल्ली में हुए दंगों की जांच पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा कि ये चार्जशीट अस्पष्टता से भरी हुई है। जानकारी के अनुसार, अदालत ने दंगों के दौरान हुई आगजनी और तोड़फोड़ के एक मामले में ठीक से जांच न किए जाने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई। कौर्ट ने कहा कि इस चार्जशीट से पता ही नहीं चल पा रहा है कि इस घटना में शामिल दोनों समूहों में से कौन से समूह ने पीड़ितों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और जलाया था।

कोर्ट का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने उसके 21 जनवरी को दिए गए एक आदेश की सरेआम अनदेखी की है। 21 जनवरी को दिल्ली पुलिस को आदेश दिया गया था कि वो दिल्ली में 2020 में हुए दंगों की अधिक स्पष्टता से जांच करें। 21 जनवरी को इस मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब अदालत ने जांच अधिकारियों से सवाल किए थे।

सुनवाई के दौरान अदालत ने ध्यान दिलाया कि उस दौरान चार्जशीट में दोनों समूहों के सदस्यों के नाम थे, लेकिन ये स्पष्ट नहीं था कि किस समूह ने पीड़ितों की कौन-सी खास संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद अदालत ने पुलिस को स्पष्ट सबूत और साफ समय-सीमा के साथ मामले को पेश करने के निर्देश दिए थे।

वहीं 16 अक्टूबर को कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था, 'ये स्पष्ट है कि एस पूरे मामले के तथ्य पहले से ही अस्पष्ट थे। इस चार्जशीट से कोर्ट और भ्रमित हो गया है।' बता दें कि पुलिस ने इस मामले में कई आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ दंगा,आगजनी और आपराधिक साजिश से जुड़ी कानूनी धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किए गए थे। वहीं पांच गिरफ्तारियां भी की गई थीं। गिरफ्तार किए गए आरोपी कोमल मिश्रा, गौरव, गोलू, अजहर और मोहम्मद आरिफ थे, जो जमानत पर बाहर हैं।

हाल ही में अभियोजन पक्ष की तरफ से एक चार्जशीट दाखिल की गई है। इसके माध्यम से अभियोजन ने सात व्यक्तियों की शिकायतों को वापस लेने की अनुमति मांगी है। साथ ही दो आरोपियों मोहम्मद अजहर और आरिफ को मामले से बरी (Discharge) करने की मांग की है। इसके पीछे की वजह के बारे में कहा जा रहा है कि इन सात शिकायतों और इन दोनों आरोपियों के खिलाफ अलग से एफआईआर दर्ज की जाएगी।

अदालत ने चार्जशीट में पाया कि चार्जशीट केवल अदालत के पिछले आदेशों को विफल करने के लिए दायर की गई थी। साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस ने अब तक बाकी तीन शिकायतों की भी कोई जांच नहीं की है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मांग की है कि इस मामले में सुधारात्मक कार्रवाई के लिए ये पूरा मामला दिल्ली पुलिस आयुक्त के संज्ञान में लाया जाए। वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 14 नवंबर को की जाएगी। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे 14 नवंबर को इस पर एक रिपोर्ट पेश करें।

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