Delhi Pollution: बच्चों को गैस चैंबर में... स्कूली खेलों पर रोक लगाने की मांग, जानें कोर्ट ने क्या कहा?

Delhi Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर बच्चों को खेल प्रतियोगिताओं में भेजना उन्हें 'गैस चैंबर' में डालने जैसा होगा। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम को निर्देश दिए।

Updated On 2025-11-19 16:38:00 IST

दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त।

Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सख्त निर्देश दिए। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से अनुरोध किया कि वह दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को नवंबर-दिसंबर में होने वाले खेल और खेल प्रतियोगिताओं को वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद सुरक्षित महीनों तक स्थगित करने के निर्देश जारी करने पर विचार करे।

दरअसल, दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों द्वारा नवंबर-दिसंबर में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जा रहा है। इस अवधि के दौरान वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक नीचे गिर जाती है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में गंभीर चिंता व्यक्त की गई थी। इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दलील दी गई कि खराब हवा में बच्चों को खेल प्रतियोगिताओं में उतारना उन्हें 'गैस चैंबर' में डालने जैसा होगा।

'बच्चों को गैस चैंबर में डालने जैसा'

भारत के चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने पीठ को बताया कि दिल्ली-एनसीआर के कई स्कूल नवंबर में भीषण प्रदूषण के बीच खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से बच्चे सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। ऐसे में अभी खेल आयोजित करना, उन्हें गैस चैंबर में डालने जैसा होगा।

सीजीआई गवई की बेंच ने इस दलील पर विचार किया। इसके बाद कोर्ट ने सीएक्यूएम से खेल गतिविधियों को सुरक्षित महीनों में स्थानांतरित करने के निर्देश देने पर विचार करने का अनुरोध किया। पीठ को यह भी बताया गया कि इसी राहत की मांग वाली एक याचिका आज दोपहर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए लगाई गई है। इस पर पीठ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट उचित समझे तो ऐसे निर्देश दे सकता है।

प्रदूषण को लेकर कोर्ट का बड़ा फैसला

वहीं, वायु प्रदूषण से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक और बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने के बाद बेरोजगार हुए निर्माण मजदूरों को निर्वाह भत्ता दिया जाए। चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इन राज्यों की सरकारों को वायु प्रदूषण कम करने के लिए निवारक उपाय लागू करने और उनकी नियमित समीक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।

दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को रोकथाम के लिए ग्रैप-3 लागू किया गया है। इसके तहत निर्माण कार्य से जुड़ी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। इसके चलते बहुत से मजदूर बेरोजगार हो गए, जो इन निर्माण कार्यों में लगे हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने इन मजदूरों को राहत मिलेगी।

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