Delhi Politics: ब्रह्मपुत्र अपार्टमेंट में आग पर सियासत, प्रशासनिक लापरवाही पर उठाए सवाल
Delhi Politics: दिल्ली के ब्रह्मपुत्र अपार्टमेंट में आग लगने के बाद अब इस मामले में सियासत तेज हो गई है। विपक्षी सरकार ने आग से निपटने की तैयारियों की कमी और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
अरविंद केजरीवाल और टीएमसी सांसद साकेत गोखले।
Delhi Politics: बीते दिन दिल्ली के ब्रह्मपुत्र भवन में आग लग गई। इस आग में बहुत कुछ जलकर राख हो गया। हालांकि इस घटना से सियासत में भी घमासान मचा हुआ है। विपक्षी दलों ने बीजेपी की दिल्ली सरकार पर तीखा हमला बोला है। इसमें आग से निपटने की तैयारियों की कमी और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
बता दें कि शनिवार दोपहर लगभग 1.15 बजे बीडी मार्ग पर स्थित ब्रह्मपुत्र भवन के स्टाफ क्वार्टर में आग की लपटें उठीं। बच्चों द्वारा पटाखों के इस्तेमाल से शुरू हुई यह आग पुराने, बेकार फर्नीचर के ढेर तक पहुंची, जो निपटान के लिए रखा गया था। आग इतनी तेजी से फैली कि कतुछ ही मिनटों में स्थिति बेकाबू हो गई। हालांकि दिल्ली फायर सर्विस और CPWD अधिकारियों के समन्वित प्रयासों से आग को दोपहर 1:45 बजे तक 6 गाड़ियों और बड़ी टीम के साथ मिलकर काबू में कर लिया गया। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है।
इस घटना को दिल्ली में बीजेपी सरकार की नाकामी बताया गया। इस बिल्डिंग में रहने वाली टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने अपना अनुभव बताते हुए बीजेपी की दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इमारत के फायर सिस्टम में पानी ही नहीं था। फायर अलार्म भी खराब पड़ा था। पास में तीन फायर स्टेशन थे लेकिन इसके बावजूद पहली फायर ब्रिगेड को पहुंचने में 25 मिनट लगे। एंबुलेंस को पहुंचने में एक घंटे का समय लगा। एंबुलेंस में फर्स्ट एड किट तक नहीं था। उन्होंने बताया कि आग की वजह से 8 स्टाफ क्वार्टर पूरी तरह से जल गए। कर्मचारियों का सारा सामान जलकर खाक हो गया। इस पूरे मामले को गोखले ने दिल्ली की बीजेपी सरकार की खराब स्थिति का सबूत बताया।
वहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस दिल्ली में कभी विश्वस्तरीय स्कूल, साफ पानी, मुफ्त बिजली और बेहतर अस्पताल थे, आज वहां पर टूटी सड़कें, कचरे के ढेर और सीवर ओवरफ्लो होते हैं। दिल्ली में बीजेपी सरकार ने 6 महीने में दिल्ली को बर्बादी की कगार पर ला दिया है। दिल्ली के लोगों ने सोचा था कि उपराज्यपाल, केंद्र और दिल्ली सरकार ने एक पार्टी के पास होने से सुशासन आएगा। हालांकि बीजेपी सरकार ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया।