IGI Airport: दिल्ली एयरपोर्ट पर टल सकता था सिस्टम फेलियर हादसा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल का दावा

Delhi IGI Airport: दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर हुए सिस्टम फेलियर को लेकर ATC का कहना है कि इस घटना को टाला जा सकता था। घटना से पहले ATC ने AAI को अलर्ट किया था।

Updated On 2025-11-09 12:04:00 IST

Delhi IGI Airport: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) बीते दिनों 7 नवंबर को सिस्टम फेलियर की घटना हो गई थी। इस घटना को लेकर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स (ATC) ने दावा करते हुए कहा है कि इसे समय रहते टाला जा सकता था। इसे लेकर ATC गिल्ड ऑफ इंडिया ने बताया कि इस साल जुलाई में उन्होंने एयरपोर्ट के ऑटोमेशन सिस्टम में कमियों और अपग्रेड की जरूरत पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को अलर्ट किया था, इसके बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

जानकारी के मुताबिक, 7 नवंबर को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ATC के ऑटोमैटिक मैसेज स्विच सिस्टम (AMSS) में तकनीकी खराबी के कारण फ्लाइट्स ऑपरेशन 12 घंटे से ज्यादा प्रभावित रहा था। 800 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स देर से उड़ीं थी, वहीं 20 को रद्द कर दिया गया था।

गिल्ड ऑफ इंडिया ने लिखा लेटर

गिल्ड ऑफ इंडिया के मुताबिक, '8 जुलाई को अहमदाबाद में एअर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश में 260 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद हमने कई सांसदों को लेटर लिखा था। कहा था कि एयर नेविगेशन के ऑटोमेशन सिस्टम का रेगुलर रिव्यू और अपग्रेडेशन करना जरूरी है।' DIAL की तरफ से कहा गया है कि ऑपरेशन्स सामान्य है, लेकिन यात्रियों को सलाह दी गई कि वह एयरलाइनों से अपडेट लेते रहें।

AAI ने बताया कि AMSS में आई तकनीकी खराबी को दूर कर लिया गया है। दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट लेट होने के कारण मुंबई, भोपाल, चंड़ीगढ़, अमृतसर समेत देशभर के कई एयरपोर्ट्स प्रभावित हुए। दिल्ली से वहां आने-जाने वाली फ्लाइट भी लेट हो गई। इंडिगो, एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एयरलाइंस ने दिनभर उड़ानों की जानकारी दी थी।

फ्लाइट्स लेट होने का क्या असर रहा ?

  • फ्लाइट्स लेट हो जान यात्रियों को चेक-इन, गेट पर इंतजार, बोर्डिंग लेट, कनेक्शन फ्लाइट छूटने की परेशानियों का सामना करना पड़ा।
  • एयरलाइन और एयरपोर्ट के काम में देरी हुई।
  • दिल्ली के अलावा बेतिया, लखनऊ, जयपुर, चंडीगढ़ जैसे एयरपोर्ट्स पर भी असर देखा गया।
  • लेट फ्लाइट्स की वजह अपकमिंग फ्लाइट्स का शेड्यूल प्रभावित होता है। फ्लाइट्स लेट होती जाती हैं।

AMSS में किस तरह की जानकारी होती है?

AMSS (ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम) के माध्यम से हजारों टेक्स्ट-बेस्ड मैसेज हर दिन पायलट, ग्राउंड स्टाफ और दूसरे एयरपोर्ट्स तक रीयल-टाइम भेजे जाते हैं। AMSS में हर फ्लाइट का पूरा रूट, ऊंचाई, फ्यूल आदि की जानकारी शामिल होती है। इसके अलावा इसमें मौसम संबंधी अपडेट एयरस्पेस में चेतावनियां जैसी जानकारी दी जाती है।

AMSS अगर काम नहीं करता तो ATC पर काम का बोझ बड़ जाता है, जिसके चलते हर मैसेज या मंजूरी लोगों को खुद भेजनी पड़ती है। फ्लाइट-प्लान अप्रूव होने में समय लगने पर टेकऑफ-लैंडिंग धीमी हो जाती है। इससे एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ जाती है। ऑटोमेटिक कोऑर्डिनेशन न होने के कारण भी समस्या बढ़ने की संभावना होती है।  फ्लाइट-प्लान, रूट क्लियरेंस और अपडेट मैन्युअली (हाथ से) करने पड़ते हैं।

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