Delhi Govt: दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, 1984 सिख दंगा पीड़ितों के परिजनों को मिलेगी नौकरी
Delhi Govt: दिल्ली सरकार ने 1984 सिख दंगा के पीड़ितों को नौकरी देने की नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत उम्र और शैक्षणिक योग्यता में भी छूट दी गई है।
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता।
Delhi Govt: दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 1984 सिख दंगा पीड़ितों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी प्राप्त करने में आने वाली बाधा दूर हो गई है। दिल्ली सीएम ऑफिस की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को हुई दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के आश्रितों को नौकरी देने की नीति को मंजूरी दी गई।
इसको लेकर सीएम रेखा गुप्ता ने भी 'एक्स' पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि यह फैसला उन परिवारों के लिए राहत, सम्मान और न्याय का प्रतीक है जो अब तक आर्थिक पुनर्वास की प्रतीक्षा में थे। बीते 18 सालों से यह प्रक्रिया विभिन्न कारणों से अधूरी पड़ी थी। सालों से अटका हुआ यह फैसला अब हमारी सरकार ने संवेदनशीलता और दायित्वबोध के साथ लागू किया है।
सीएम रेखा गुप्ता ने क्या कहा?
सीएम रेखा गुप्ता ने आगे लिखा कि इस नई नीति का सबसे मानवीय पहलू यह है कि जिन आश्रितों की आयु अब 50 साल से ज्यादा हो चुकी है और नौकरी करने में असमर्थ हैं। उनकी जगह पर अगली पीढ़ी के सदस्य जैसे बेटा, बेटी, बहू या दामाद को नामित करने का विकल्प दिया गया है। कई परिवारों की बदलती परिस्थितियों और वृद्ध हो चुके आश्रितों को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की गई है, जिससे उनके न्यायपूर्ण हक की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इसके अलावा नई नीति में आयु सीमा और शैक्षणिक योग्यता में भी आवश्यक छूट भी दी गई है। सीएम ने जानकारी देते हुए आगे लिखा कि सत्यापन, शिकायत निवारण और विभागीय आवंटन के लिए पारदर्शी, जवाबदेह और व्यवस्थित तंत्र बनाया गया है, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया सम्मानजनक तरीके से समय पर पूरा हो सके।
'2007 से रुकी थी नीति'
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि नई नीति रोजगार सहायता के लंबे समय से लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ये मामले साल 2007 के कैबिनेट निर्णय के बाद से अनसुलझे रहे हैं। पिछले 18 सालों से यह प्रक्रिया विभिन्न प्रशासनिक कारणों से पूरी नहीं हो पाई थी। सीएम ने कहा कि अब कोई भी पात्र परिवार और प्रतीक्षा नहीं करेगा।
सीएम ने 'एक्स' पर लिखा कि जब यह रोजगार का अवसर अगली पीढ़ी तक पहुंचेगा, तो यह केवल एक नियुक्ति नहीं होगी यह उन पीड़ित परिवारों की दशकों पुरानी पीड़ा को सम्मान देने, उनके संघर्षों को न्याय दिलाने और उनके अधिकारों को दोबारा स्थापित करने का हमारा दृढ़ संकल्प है।