Old delhi: पुरानी दिल्ली की गलियों में बसता है इतिहास, जहां आज भी मिलता है इत्र और पुराना सामान

Secret of Chandni Chowk: यदि आप चांदनी चौक में में शॉपिंग के लिए जाना चाहते हैं, तो वहां पर आपको कई गलियां ऐसी देखने को मिलेंगी जिनका इतिहास सदियों पुराना है।

Updated On 2025-10-20 15:00:00 IST

चांदनी चौक की पुरानी गलियां

chandni chowk: दिल्ली का चांदनी चौक, देश ही नहीं पूरी दुनिया में फेमस है। ये न केवल एक बाजार है, बल्कि खाने के स्वाद और अपने पुराने इतिहास की रौनक का अनोखा संगम है। यहां पर बसी सदियों पुरानी गलियों के बारे में तो हर कोई जानने की इच्छा रखता है। यहां पर ऐसी कोई चीज नहीं है, जो मिलती न हो। ये जगह कपड़ों के साथ-साथ खाने के स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए भी जानी जाती है। यहां पुरानी सदी से चली आ रही काफी पुरानी दुकानें आज भी मौजूद हैं, जिनका इतिहास लोग जानना चाहते हैं।

जब भी लोग यहां पर शॉपिंग करने आते हैं, तो वो चांदनी चौक की कुछ मशहूर गलियों तक पहुंच ही जाते हैं।अक्सर लोग दरीबा कलां, खारी बावली और पराठे वाली गली तक ही घूमकर लौट जाते हैं। यहां पर दरीबा कलां में चांदी के गहनों और खारी बावली में मसालों की खरीदारी के लिए लोगों की भरमार लगी रहती है। परन्तु यहां पर इनके अलावा कुछ गुप्त गलियां भी मौजूद हैं, जो इन भीड़भाड़ वाली गलियों के पीछे छिपी हैं। इन गलियों तक ज्यातर लोग पहुंच ही नहीं पाते। चलिए जानते हैं इन खास गलियों के बारे में...

कुचा पाटी राम


कुचा पाटी राम नाम शायद आप पहली बार सुन रहे हों। यह एक बहुत पुरानी गली है, जो कभी मुगल दौर में उर्दू और फारसी लिखावट (कैलिग्राफी) का बड़ा केंद्र थीं। आज भी यहां पर कुछ पुरानी दुकानें हैं, जहां से कलम की खुरचने की आवाज सुनाई देती है। यहां पर 70 साल पुरानी एक दुकान है, जिसे शाहिद नाम के एक शख्स चलाते हैं। यह दुकान लिखावट की खूबसूरती के लिए काफी फेमस है।

किनारी बाजार


चांदनी चौक का किनारी बाजार पुराने समय से ही शादी की खरीदारी के लिए मशहूर है। यहां पर कई पुरानी गली हैं, जिनमें अमीर मारवाड़ी, व्यापारियों की हवेलियां बनी हैं। हवेलियों के आंगन में नक्काशी की गई पत्थर की बालकनी और सजावटी झरोखे हैं, जिन्हें देखकर पुराने दौर की याद आती है।

मिर्जा गालिब की हवेली


चांदनी चौक की पुरानी गली में 19वीं सदी के मशहूर गायक मिर्जा गालिब की हवेली बनी है। अब उनकी हवेली म्यूजियम बन चुकी है। अब उसकी स्थिति खराब हो चुकी है। जहां पर उनकी किताबें और कपड़े रखे हुए हैं। यहां पर मसाले बेचने वाले और मोची की गलियां है। इसके अलावा गली बरना नाम की एक और गली है, जो 1850 से है, इस गली में यूनानी दवाओं की पुरानी दुकानें हैं।

नई सड़क


नई सड़क चांदनी चौक की पुरानी गली है। यह पुरानी किताबों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यह गली थोक की किताबों के बाजार के लिए जाना जाता है। इस गली में हिंदी-उर्दू सहित सभी किताबें आसानी से मिल जाती हैं। यहां पर एक 100 साल पुराना अमानत बुक डिपो है। इसे एक ही परिवार के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी चलाते आ रहे हैं।

लोहे वाली गली


लोहे वाली गली में पहले लोहार का काम करने वाले लोग रहते थे। ये लोग लोहे, पीतल और तांबे के बर्तन हाथ से बनाते थे। आज भी यहां पर हाथ से बने तांबे के बर्तन, पीतल की थालियां और खुदाई किए हुए लोटे मिलते हैं। पुराने कारीगर अब भी पैर से चलने वाली मशीनों से काम करते हैं।

छत्ता प्रताप सिंह गली


छत्ता प्रताप सिंह गली चांदनी चौक की बेहद खूबसूरत गली है, जो पुरानी यादों को संजोए हुए है। यह जगह दरीबां कलां के पीछे बनी हुई एक अनजानी जगह है। कहा जाता है कि इस जगह पर गहनों का बाजार हुआ करता था। परन्तु अब यहां पर घड़ी ठीक करने वाले और रत्नों को साफ करने वाले कारीगर रहते हैं। पुराने सिक्के रखने वाले लोगों के लिए यह एकदम खास है।

चितली कबर


चितली कबर भीड़-भाड़ से दूर चांदनी चौक का एक शांत इलाका है। यहां की पुरानी वाली बेकरी में केसर वाली रोटी मिलती है और पुरानी दुकानों में खुशबूदार इत्र मिलता है। इसके पास में ही एक छोटी दरगाह है, जहां पर बच्चे पतंग उड़ाते दिख जाते हैं।

कूचा महाजनी


कूचा महाजनी सोने और चांदी के कारोबार के लिए काफी फेमस जगह है। यह दरिबा कलां के पीछे स्थित है। यहां पर पुराने समय के गहनों की डिजाइन बनाई जाती है। यहां जाकर आप गहने बनाने की कला और तकनीक को पास से देख सकते हैं। पुराने ज्वेलर परिवार आज भी यहां परंपरागत तरीके से काम करते हैं।

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