CM Rekha Gupta: सीएम रेखा ने 50 इलेक्ट्रिक बसों को दिखाई हरी झंडी, प्रदूषण से मिलेगी राहत!

CM Rekha Gupta: सीएम रेखा गुप्ता ने 50 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई है। साथ ही ऑटोमेटेड वीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन का शिलान्यास किया है।

Updated On 2025-11-15 13:04:00 IST

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 50 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई।

CM Rekha Gupta: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसकी रोकथाम के लिए एक के बाद एक कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण रोकथाम के लिए शुक्रवार को दो बड़े कदम उठाए हैं। सीएम रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को 50 आधुनिक इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर सड़कों पर उतारा। वहीं प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक कमर्शल गाड़ियों की फिटनेस के लिए तेहखंड डिपो में ऑटोमेटेड वीकल फिटनेस टेस्टिंग (ATS) स्टेशन का शिलान्यास किया है। उम्मीद है कि सही फिटनेस जांच से गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में कमी आ सकेगी।

बता दें कि इस कार्यक्रम में सीएम रेखा गुप्ता, परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे। वहीं इस दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने सिर्फ आठ महीनों में परिवहन क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। 8 महीनों में उन्होंने दिल्ली की सड़कों पर 1350 नई इलेक्ट्रिक बसें बेड़े में जोड़ी हैं। ये प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम है। इस दौरान उन्होंने पिछली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 'पिछले 11 सालों में सिर्फ 2000 बसें ही सड़कों पर लाई गई थीं।'

इलेक्ट्रिक बसों की खासियत

बता दें कि सीएम ने जिन बसों को हरी झंडी दिखाई है। उनमें 30 बसें बारह मीटर की हैं और 20 बसें नौ मीटर की लो फ्लोर एसी बसें हैं। सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं। जिन रूटों पर बस सेवा को बंद किया गया था। उन्हीं रूटों पर फिर से बस सेवा शुरू कर दी गई है।

ऑटोमेटेड वीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन का शिलान्यास

बता दें कि इंटरस्टेट बस सेवा और पिछली सरकार की बंद की गई यूनिवर्सिटी की यूथ स्पेशल बसें भी शुरू कर दी गई हैं। तेहखंड डिपो में ऑटोमेटेड वीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) का शिलान्यास करते हुए सीएम ने कहा कि दिल्ली के पर्यावरण और प्रदूषण में सबसे बड़ा मुद्दा गाड़ियों से होने वाला उत्सर्जन है। दिल्ली में लगभग 6.5 लाख कमर्शियल वाहन हैं। इन वाहनों को हर साल फिटनेस की जरूरत होती है। बीते कई सालों से इस व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण आज प्रदूषण की मार झेलनी पड़ रही है।

Tags:    

Similar News