दंगा पीड़ित 125 लोगों को मिला नियुक्ति पत्र: जेल काट चुके लोगों को मिलेगी पेंशन... इमरजेंसी का दौर याद कर सीएम रेखा गुप्ता का ऐलान
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने आज सिख विरोधी दंगा पीड़ित 125 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस दौरान मंत्री मनजिंदर सिरसा ने कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी को भी घेरा।
सीएम रेखा गुप्ता ने सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को दिए नौकरी के नियुक्ति पत्र
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ित 125 परिवारों को नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र दिया। इस दौरान मंत्री मनजिंदर सिरसा मौजूद रहे। सीएम रेखा गुप्ता ने कश्मीर में पंडितों पर हुए अत्याचार और इमरजेंसी के दौर को याद किया। उन्होंने कहा कि कश्मीरी नागरिक घर छोड़कर दर-दर भटक रहे थे, उन्हें हमारी सरकार ने रिबेट देनी शुरू की। इमरजेंसी के दौरान दिलली के जो लोग जेलों में बंद रहे, उन्हें दिल्ली सरकार पेंशन देगी।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकारों ने इनके साथ कभी भी न्याय नहीं किया। 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों ने जो अपार कष्ट झेले, जब परिवारों के कई लोग मारे गए, उसके बाद फिर से जीवन को खड़ा करने की कोशिश की, लेकिन इन सभी वर्षों के दौरान किसी भी सरकार ने इन परिवारों की एक रुपये से भी मदद नहीं की। ये दिल्ली के हमारे सिख भाइयों के लिए बेहद दुखद और निराशाजनक था।
उन्होंने कहा कि आज मुझे यह देखकर शांति अनुभव हो रहा है कि हम दंगा पीड़ितों में से 125 परिवारों को नौकरी की नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। इनमें से 19 पहले ही अपने पदों पर नियुक्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में हम सभी के लिए राहत की भावना लाता है।
सिरसा बोले- 600 परिवार न्याय का इंतजार कर रहे
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि 1986 दंगा पीड़ित करीब 600 परिवार 40 साल से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इन परिवारों के राजगार के अवसरों में बाधा डाली। सिरसा ने कहा कि जब मैं दिल्ली में आया तो गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष था। हम उनके मामलों को लेकर कोर्ट से आदेश लेकर आए थे। लेकिन आम आदमी पार्टी ने भी इन नियुक्तियों को अनुमति नहीं दी थी क्योंकि उनके समर्थक कांग्रेस से जुड़े थे। उन्होंने एलजी विनय सक्सेना और केंद्रीय गृह मंत्री को आभार जताया, जिनके हस्तक्षेप के बाद दंगा पीड़ित परिवारों के 125 सदस्यों को नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र मिल पाए हैं।