युवा संसद का आयोजन: सीएम साय बोले- राजनैतिक स्वार्थ की वजह से इंदिरा गांधी ने लगाया था आपातकाल

रायपुर में BJYM ने आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर युवा संसद का आयोजन किया। जिसका शुभारम्भ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने किया।

Updated On 2025-07-02 20:48:00 IST

मंच पर मौजूद सीएम विष्णुदेव साय 

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में BJYM ने आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर युवा संसद का आयोजन किया। जिसका शुभारम्भ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने किया। वहीं शाम को समापन समारोह में सीएम विष्णुदेव साय भी शामिल हुए। 

सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि 25 जून 1975 हमारे देश के लिए काला दिन था, उस समय तत्कालीन कांग्रेस की सरकार में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राजनीतिक स्वार्थ के कारण आपातकाल थोप दिया था। वह समय देश के लिए लड़ने वाले सभी लोगों को अकारण ही जेल में डाल दिया गया था, और वहां किस तरह की दुर्दशा थी उन्हें शब्दों में जाहिर नहीं किया जा सकता। श्री साय बुधवार को राजधानी रायपुर के अग्रसेन धाम में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा देश में 25 जून 1975 को लगे आपातकाल के काले अध्याय के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित मॉक पार्लियामेंट (युवा संसद) कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।


प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री साय ने मॉक पार्लियामेंट को सम्बोधित करते हुए कहा कि पार्लियामेंट में युवाओं ने सांसद की भूमिका भलीभांति निभाई है। सभी ने बहुत अच्छे से मुद्दों को कवर किया और उनमें विस्तृत और सार्थक चर्चा हुई। हम सभी आपातकाल को संविधान हत्या दिवस के रूप में मानते हैं। श्री साय ने कहा कि मीसाबंदियों का दर्द किसी ने नहीं समझा। जिन्होंने अपनों को खोया, उनके दर्द को समझना ही लोकतंत्र सेनानियों के बलिदान का सम्मान है। हमारी सरकार ने उन्हें मिलने वाली पेंशन बहाल कर इस सम्मान को बढ़ाया। उन्होंने आगे कहा कि, आपातकाल के दौरान अपने राजनीतिक गुरु के साथ हुए अन्याय का जिक्र करते हुए बताया, स्वर्गीय बालकृष्ण शर्मा, जिन्हें लोग पूरे जशपुर कुनकुरी क्षेत्र में देवकी महराज के नाम से जानते थे, उन्हें मैं अपना राजनीतिक गुरु मानता था। मैं उनके पास हमेशा बैठा करता था, उन्हें भी आपातकाल में 19 महीने जेल में रखा गया। बावजूद इसके उन्होंने कभी अपनी जीवटता नहीं छोड़ी। वह अपने परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्य थे, उनके जेल जाने के बाद उनका परिवार दाने-दाने का मोहताज़ हो गया। इसी तरह कई स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार को कई बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

मीडिया पर लगाई गयी थी सेंसरशिप
श्री साय ने कहा कि उस समय मीडिया पर भी सेंसरशिप लगाई गयी। लोकतंत्र की इस कदर हत्या की गई। जबरन नसबंदी जैसी क्रूरता भी की गई। छत्तीसगढ़ में 350 से अधिक मीसाबंदियों का परिवार है। डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में इनके सम्मान में कुछ राशि देने का निर्णय लिया गया, जिसे बीते 5 वर्ष सरकार में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने बंद कर दिया। ऐसा दुबारा न हो, इसलिए हमारी सरकार आने के बाद हमने विधानसभा में लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक लाकर कानून भी बना दिए हैं। अब सरकार कोई भी हो यह राशि मिलनी बंद नहीं होगी।

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