चार दिवसीय आवासीय योग प्रशिक्षण: योग ऋषि स्वामी रामदेव के शिष्य लोगों को देंगे ट्रेनिंग

अग्रेसन धाम में 10 अगस्त से 13 अगस्त 2025 तक चार दिवसीय आवासीय योग, यज्ञ प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

Updated On 2025-08-02 18:01:00 IST

योग प्रशिक्षण 

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अग्रेसन धाम में 10 अगस्त से 13 अगस्त 2025 तक चार दिवसीय आवासीय योग, यज्ञ प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष कार्यक्रम का मार्गदर्शन करेंगे स्वामी परमार्थदेव महाराज, जो परम पूज्य योग ऋषि स्वामी रामदेव महाराज के परमप्रिय शिष्य एवं मुख्य केंद्रीय प्रभारी, भारत स्वाभिमान तथा पतंजलि योग समिति हैं।

इस आयोजन का उद्देश्य योग, यज्ञ, साधना एवं प्रशिक्षण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण, आत्मविकास तथा आध्यात्मिक उत्थान को सशक्त करना है। प्रतिभागियों को स्वामी के सान्निध्य में शारीरिक, मानसिक और आत्मिक ऊर्जा का अनुभव प्राप्त होगा। कार्यक्रम में विशेष ध्यान दिया जाएगा। यज्ञशाला प्रशिक्षण, ध्यान-साधना, राष्ट्र निर्माण विषयक संवाद, एवं सात्विक जीवन शैली पर आधारित दिनचर्या पर। इस अवसर पर स्वामी नरेंद्रदेव भी उपस्थित रहेंगे तथा योग और साधना से जुड़े विशेष सत्रों का संचालन करेंगे।

यह है योग...
जीव को परमार्थतत्व का ज्ञान होना ही योग है। इसकी प्राप्ति चित्त की एकाग्रता से होती है और चित्त की एकाग्रता चित्त की वृत्तियों पर नियंत्रण से आती है। इसके लिए योग के अंतर्गत आठ प्रकार के साधन बताए गए हैं-यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, ध्यान, धारणा और समाधि। यम का प्रथम हेतु अहिंसा है। सभी प्राणियों में आत्मवत-दृष्टि रखने तथा उनके हित के लिए प्रवृत्त रहना ही 'अहिंसा' है। सत्य, अस्तेय , ब्रह्मचर्य तथा अपरिग्रह भी यम के आधार हैं। शौच, यज्ञ, तप, दान, स्वाध्याय, इंद्रिय निग्रह, व्रत, उपवास, मौन तथा स्नान ये दस प्रकार के 'नियम' हैं। 'शुचिता' दो प्रकार की कही गई है- वाह्य तथा आभ्यंतर। योग-साधना में आंतरिक शुचिता पर विशेष बल दिया गया है। वज्रासन, पद्मासन, सुखासन, सिद्धासन आदि किसी भी एक आसन में बैठकर साधना करनी चाहिए, किंतु यह ध्यान रहे कि चाहे जिस आसन में बैठें, मेरुदंड से गर्दन तक सीध में बैठें। प्राण और अपान वायु का निरोध ही 'प्राणायाम' है। 

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