फिनाइल कांड के बाद भी पोटा केबिन में अव्यवस्था: चारों ओर दिखा गंदगी का अंबार, निरीक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
सुकमा जिले के पाकेला पोटाकेबिन में हुए फिनाइल कांड के बाद भी स्थिति पूर्वानुसार ही बनी हुई है। यहां के किचन से लेकर अन्य स्थानों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
पाकेला पोटाकेबिन में लगा गंदगी का अंबार
लीलाधर राठी- सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पाकेला पोटाकेबिन में हुए फिनाइल कांड ने प्रदेशभर में हड़कंप मचा दिया है। मामले में एक शिक्षक को साजिश रचने के एवज़ में जेल भेज दिया गया है। लेकिन जिले के सभी पोटा केबिन में आज भी अव्यवस्था,आपसी गुटबाजी चरम सीमा पर है अगर समय रहते काबू नहीं पाया तो बड़ी घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
सुकमा जिले के पाकेला में 21 अगस्त को घटी घटना को अधिकारियों ने पूरे चार दिन तक जांच के नाम पर मामले को दबाए रखा। जब मीडिया में मामला तूल पकड़ा ने और हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया, तब जाकर एफआईआर दर्ज की गई। मीडिया की टीम गुरुवार को पाकेला पोटाकेबिन पहुंची, तो जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। कुछ नाराज अनुदेशकों ने खुलकर बताया कि, विभागीय अफसरों ने लापरवाही बरती, वहीं कुछ ने दबी जुबां में स्वीकार किया कि, पोटाकेबिन के अंदर शिक्षकों के बीच लंबे समय से आपसी खींचतान चल रही थी।
अफसरों ने नहीं दिखाई गंभीरता
पिछले ढाई-तीन सालों से माहौल या ठीक नहीं था। कई बार बहस और झगड़े तक की नौबत आई, लेकिन अफसरों ने मामले को कभी गंभीरता से नहीं लिया। सूत्रों के मुताबिक मामले की विभागीय अधिकारियों को अंदरूनी विवाद की जानकारी थी। इसके बावजूद समय रहते सुलझाने की कोशिश नहीं की गई, यही वजह रही कि, हालात धीरे-धीरे खतरनाक मोड़ तक पहुंच गए और आखिरकार बच्चों की थाली में जहर परोसने की पर साजिश उजागर हो गई।
सावधानी से टला बड़ा हादसा
पाकेला पोटा केबिन रसोइया सुकमा जिले के पाकेला पोटा केबिन इन दिनों सुर्खियों में है, 21 अगस्त 2025 का वह दिन इतिहास में सबसे काले दिन के रूप में हो जाता लेकिन इस पोटा केबिन के रसोईया ने कुछ ऐसी सावधानी बरती की बड़ा हादसा होते होते टल गया, समय रहते उक्त रसोइया ने सब्जी में आ रही दुर्गन्ध को पहचान लिया और अपने आला अधिकारी को इतला कर दिया अन्यथा 400 से अधिक बच्चे के साथ क्या होता यह तो जानकर भी रूह कांप जाती है।
फिनायल डालने से पहले लाइट किया गया था बंद
फिनाइल कांड का चश्मदीद पाकेला पोटा केबिन में फिनाइल कांड का चश्मदीद गवाह के रूप में नन्हा सा छात्र हैं। जिसने बताया कि, फिनायल डालने से पहले उक्त शिक्षक ने लाइट को बंद कर दिया था और मोबाइल पर कुछ बातें कर रहा था। हालांकि मासूम छात्र डरे और सहमे हुए से हैं आज भी 21 अगस्त की घटना को लेकर छात्रों में दहशत स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
गंदगी से पसरा पोटा केबिन
पाकेला पोटा केबिन की स्थिति साफ-साफ देखी जा सकती है कि यहां पर टॉयलेट बाथरूम की संख्या ना के बराबर है, 400 से अधिक बच्चों के लिए मात्र एक दर्जन बाथरूम फिलहाल काम चलाने के लिए है यहां के बच्चे कई दफे परिसर से बाहर खुले में शौच करने व नहाने के लिए मजबूर होते हैं।
अभी स्थिति जस के तस
पोटा केबिन की अव्यवस्था भी कुछ कम नहीं है, यहां पर चारों ओर गंदगी का आलम है, किचन वह अन्य स्थानों पर पर दुर्गंध ही दुर्गंध है। ऐसे में प्रति सप्ताह पोटा केबिन का निरीक्षण कर समस्याओं को दूर करने की बात कहने वाले अधिकारियों के मुंह में यह करार तमाचा है।