महतारी जतन : सेहतमंद शिशु के लिए खैरागढ़ विश्वविद्यालय का सार्थक प्रयास, केशर के घर किलकारी की गूंज 

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में गर्भवती महिलाओं के लिए 'महतारी जतन' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अब तक लगभग 50 महिलाओं को लाभ मिल चुका है।

By :  Ck Shukla
Updated On 2024-02-26 21:02:00 IST
महतारी जतन कार्यक्रम की महिलाएं

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में गर्भवती माताओं और उनके गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए चलाए जा रहे जनकल्याणकारी कार्यक्रम 'महतारी जतन' के तीसरे फेज को सराहनीय प्रतिसाद मिल रहा है। 

इस कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित अभ्यास में शामिल महिलाओं को इसका भरपूर लाभ मिल रहा है। आज ही खैरागढ़ निवासी केशर यादव को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। परिवारजनों ने इसके लिए 'महतारी जतन' कार्यक्रम और विश्वविद्यालय परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया है। विश्वविद्यालय की ओर से बधाई और शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए माता और शिशु दोनों के स्वस्थ, उज्जवल और दीर्घायु जीवन की कामना की गई है।

पिछले 4 वर्षों से हो रहा है कार्यक्रम 

उल्लेखनीय है कि, यह कार्यक्रम लगभग 4 वर्ष पहले शुरू किया गया था। बीच में कोरोना के कारण बाधित हुआ, लेकिन अब नियमित रूप से जारी है। कार्यक्रम की संयोजिका और कथक विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शिवाली सिंह बैस ने बताया कि कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर के संरक्षण और कुलसचिव प्रो डॉ. नीता गहरवार के निर्देशन में यह कार्यक्रम लगातार जारी है। हितग्राही गर्भवती महिलाएं उत्साह के साथ सभी गतिविधियों में हिस्सा ले रही हैं।

गर्भवती महिलाओं को सुनाया गया संगीत 

डॉ. शिवाली ने बताया कि, महतारी जतन कार्यक्रम के अंतर्गत सप्ताह के 2 दिन पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को विश्वविद्यालय परिसर में एकत्र किया जाता है। लगभग 2 घंटे के क्लास में उन्हें ऐसे संगीत सुनाए जाते हैं जो गर्भवती माता के साथ गर्भस्थ शिशु के लिए भी लाभप्रद हो। इसके अतिरिक्त योग, सत्संग, भजन, कुछ चुनिंदे आसन आदि बताए जाते हैं। उन्हें घर से लाने और वापस घर पहुंचाने की व्यवस्था भी विश्वविद्यालय की तरफ से की जाती है। इसके अलावा महिलाओं को पौष्टिक आहार भी दिया जाता है। एक चरण का कार्यक्रम लगभग 6 से 7 माह का होता है। इस कार्यक्रम से गर्भवती माताओं और गर्भस्थ शिशु को शारीरिक और मानसिक दोनों दृष्टि से लाभ मिलता है।

अब तक 50 महिलाओं को मिला लाभ

इस कार्यक्रम में अब तक लगभग 50 महिलाओं को लाभ मिल चुका है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से संयोजिका डॉ. शिवाली सिंह बैस, डॉ. खुशबू बिसेन, डॉ. लिकेश्वर वर्मा, डॉ. जगदेव नेताम, जनसंपर्क अधिकारी विनोद डोंगरे, अनेक शोधार्थी, विद्यार्थी और अधिकारी कर्मचारी सतत रूप से सक्रिय हैं। इसके अतिरिक्त खैरागढ़ बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन और उनकी टीम का भी सहयोग मिलता रहता है।

Similar News