बिरगांव स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही: प्रसूता की मौत के मामले में स्त्री रोग विशेषज्ञ निलंबित

जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद बिरगांव स्वास्थ्य केंद्र में लंबे समय से जमी स्त्री रोग विशेषज्ञ को निलंबित कर दिया गया है।

Updated On 2025-06-24 12:55:00 IST

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिरगांव(फाइल फोटो)

रायपुर। बिरगांव शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही से प्रसूता साक्षी निषाद की मौत के मामले में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजना लाल को निलंबित कर दिया गया है। ड्यूटी डाक्टर के नहीं होने और साक्षी की हालत बिगड़ने की जानकारी होने के बाद भी उस पर अस्पताल नहीं आने की लापरवाही साबित हुई है। मामले में लापरवाही के लिए मेल नर्स पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। मामले में सीएमएचओ द्वारा बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी थी, जिस आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिरगांव यूपीएचसी की प्रभारी एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजना कुमार लाल पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।

आरोप है कि, साक्षी की तबीयत खराब होने की जानकारी परिजनों द्वारा अस्पताल में मौजूद स्टाफ को दी गई थी और उन्होंने यह मैसेज डॉ. लाल को भेजा था। महिला चिकित्सक यह भी जानती थी कि ड्यूटी डाक्टर अस्पताल में नहीं है, इसके बाद भी उन्होंने मरीज के हित में अस्पताल आना जरूरी नहीं समझा। डॉ. अंजना लाल को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1996 के तहत निलंबित किया गया है। मामले में इसके अलावा मेल नर्स अनुपम की लापरवाही भी सामने आई है। उस पर आरोप है कि परिजनों द्वारा जानकारी देने के बाद भी उसने साक्षी की स्थिति पर गंभीरता नहीं दिखाई। उल्टे परिजनों और दर्द से तड़प रही साक्षी को भला-बुरा सुना दिया था। संविदा डयूटी करने वाले मेल नर्स पर भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है, जिसका आदेश एक-दो दिन में जारी किया जा सकता है।

परिजनों ने किया था हंगामा
काफी हालत बिगड़ने के बाद परिजन दबाव पूर्वक साक्षी को बिरगांव स्वास्थ्य केंद्र से आंबेडकर अस्पताल ले गए थे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था। शव को लेकर घर आने के बाद नाराज परिजनों ने पहले स्वास्थ्य केंद्र फिर खमतराई थाने में हंगामा कर दिया था। काफी समझाइश और जांच टीम गठित करने की जानकारी के बाद वे माने और साक्षी के पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए थे।

परिजनों ने किया था हंगामा
काफी हालत बिगड़ने के बाद परिजन दबाव पूर्वक साक्षी को बिरगांव स्वास्थ्य केंद्र से आंबेडकर अस्पताल ले गए थे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था। शव को लेकर घर आने के बाद नाराज परिजनों ने पहले स्वास्थ्य केंद्र फिर खमतराई थाने में हंगामा कर दिया था। काफी समझाइश और जांच टीम गठित करने की जानकारी के बाद वे माने और साक्षी के पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए थे।

कांग्रेस जांच कमेटी की थी ने भी सिफारिश
इस मामले में कांग्रेस द्वारा जांच कमेटी बनाई गई थी। चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता के नेतृत्व में कमेटी ने बिरगांव स्वास्थ्य केंद्र में जाकर व्यवस्था का मुआयना किया था और परिजनों से जानकारी लेकर रिपोर्ट पर जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से मुलाकात कर दोषी चिकित्सकीय स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की थी।

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