दुर्लभ वन्य प्राणी पेंगोलिन के छाल की तस्करी: इन्द्रावती टाइगर रिजर्व से लाकर जगदलपुर में बेचने की थी तैयारी, दो गिरफ्तार
जगदलपुर शहर में वन विभाग की टीम ने दो आरोपियों को विलुप्त प्राय: वन्य जीव पेंगोलिन स्केल्स (छाल) के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया है।
पुलिस की गिरफ्त में दोनों आरोपी
महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में वन विभाग की टीम ने शहर के परपा क्षेत्र के एक घर में दबिश दे कर दो आरोपियों को 13 किलो विलुप्त प्राय: वन्य जीव पेंगोलिन स्केल्स (छाल) के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया। दोनों तस्करों को जेल भेजा गया।
जानकारी के अनुसार, वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश के बाद वन विभाग लगातार वन अपराध में लिप्त लोगों के विरुद्ध कार्यवाही कर रहा है। इसी सिलसिले में बस्तर वन मण्डल के अन्तर्गत मुखबीर से प्राप्त सूचना के आधार पर आरोपियों को पकड़ा गया।
13 किलो विलुप्त वन्य जीव पेंगोलिन स्केल्स बरामद
छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन बल प्रमुख श्रीनिवास राव के मार्गदर्शन और बस्तर वनमण्डल के वन मण्डलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता के निर्देशन में राज्य स्तरीय उड़नदस्ता एवं बस्तर वन मण्डल की संयुक्त टीम शामिल रही। प्राप्त सूचना के अनुसार जगदलपुर शहर के परपा क्षेत्र के एक घर में दबिश दे कर दो आरोपियों को 13 किलो विलुप्त प्राय: वन्य जीव पेंगोलिन स्केल्स (छाल) के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया।
जगदलपुर में बेचने के फिराक में लाया गया
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में यह ज्ञात हुआ कि, दोनों आरोपी बीजापुर जिले के निवासी हैं। आरोपियों ने पामेड़ अभ्यारण तथा इन्द्रावती टाईगर रिर्जव अन्तर्गत आने वाले गांव पुजारीकांकेर और सेन्ध्रा आदि क्षेत्रों से उक्त पकड़े गए हैं। स्केल्स को एकत्रित कर जगदलपुर में बेचने के फिराक में लाया गया था। उसको बेचने के लिए ग्राहक तलाश कर रहे थे। आरोपियों द्वारा पूछताछ में वन अधिकारियों के समक्ष कई महत्वपूर्ण खुलासे किए है। जिसमें अन्तर्राज्यीय नेटवर्क की जानकारी विभाग को मिली है, जिसे धवस्त करने हेतु आगामी कार्यवाही की जा रही है। आरोपियों द्वारा अपना अपराध कबुल करने के उपरान्त उनके विरूद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यया संशोधित 2022) के सुसगंत धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से 14 दिन न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया।
ये रहे शामिल
कार्यवाही में राज्य स्तरीय उड़नदस्ता से संदीप सिंग सहायक वन संरक्षक, राजेन्द्र निराला वनरक्षक, गजेन्द्र पटेल वनरक्षक, तथा बस्तर वनमण्डल से योगेश कुमार रात्रे (सहायक वन संरक्षक) उप वन मण्डलाधिकरी चित्रकोट, देवेन्द्र सिंह वर्मा वन परिक्षेत्र अधिकारी, सौरभ रजक परिक्षेत्र अधिकारी करपावंड, प्रशिक्षु सहायक वन संरक्षक रवीन्द्र धीरही, श्रीमती हेमलता देव, प्रशिक्षु वनक्षेत्रपाल सुश्री सृष्टि ठाकुर, अक्षय कश्यप, विवेक जायसवाल, सुमित साहा, डॉ. प्रीतेश पाण्डे, स्थानीय परिक्षेत्र जगदलपुर के स्टॉफ ललनजी तिवारी डिप्टी रेंजर, श्रीधर स्नेही, कमल ठाकुर, उमरदेव कोर्राम, कु. कविता ठाकुर, रामसिंह बघेल, कृष्णा दुबे, सत्यजीत भट्ट, रणवीर सिंग नायक एवं सलिकराम चौकीदार के साथ महत्वपूर्ण भूमिका रही।