वन्य जीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी: उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में कैद हुई रायल बंगाल टाइगर की पहली स्पष्ट तस्वीर
वन्यजीव प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में करीब ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर बाघ की दहाड़ सुनाई दी है।
उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में कैमरे पर कैद हुई रायल बंगाल टाइगर की तस्वीर।
गोरेलाल सिन्हा-गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के वन्यजीव प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में करीब ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर बाघ की दहाड़ सुनाई दी है। इस बार तो सबूत भी पक्के हैं। टाइगर रिजर्व के ट्रैप कैमरे में एक रॉयल बंगाल टाइगर की पहली बेहद स्पष्ट तस्वीर कैद हुई है, जिसकी आधिकारिक पुष्टि डीएफओ वरुण जैन ने कर दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ दिनों पहले जंगल में दो भैंसों और हाल ही में एक बैल के शिकार की घटनाओं ने वन विभाग के कान खड़े कर दिए थे। इन रहस्यमय शिकारों ने टाइगर की मौजूदगी का मजबूत संकेत दिया था। विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रिजर्व क्षेत्र में जगह-जगह ट्रैप कैमरे लगाए, और नतीजा बेहद चौंकाने वाला रहा! इन कैमरों ने उस दुर्लभ क्षण को कैद कर लिया जिसका लंबे समय से इंतजार था।
तस्वीर से हुआ साफ- एदंती है उपयुक्त पर्यावास
गौरतलब है कि, इससे पहले वर्ष 2022 में आखिरी बार टाइगर को देखा गया था, लेकिन तब उसकी कोई तस्वीर नहीं मिल पाई थी। अब यह तस्वीर न सिर्फ वन विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि टाइगर संरक्षण के प्रयासों को भी नया बल देती है। यह स्पष्ट तस्वीर इस बात का प्रमाण है कि उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व अभी भी इन शानदार जीवों के लिए एक उपयुक्त पर्यावास है।
नए मेहमान के आगमन से वन अमला सतर्क
इस नए मेहमान की वापसी से वन अमला पूरी तरह से सतर्क हो गया है। बाघ की मूवमेंट को लेकर निगरानी बढ़ा दी गई है और आसपास के क्षेत्रों में भी कड़ी नजर रखी जा रही है। यह सफलता निश्चित रूप से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है और उम्मीद जगाती है कि भविष्य में इस रिजर्व में और भी बाघ देखने को मिलेंगे। यह खबर हरिभूमि के पाठकों के लिए एक सुखद और रोमांचक अनुभव लेकर आई है!