दशलक्षण पर्यूषण महापर्व का शुभारंभ: उत्तम क्षमा धर्म के दिन जैनियों ने किया अभिषेक, शांतिधारा और पूजन भी हुआ
रायपुर के दिगंबर जैन जिनालयों में दशलक्षण पर्यूषण महापर्व की शुरुआत हो गई है। गुरुवार सुबह से ही जिनालयों में पूजा- अर्चना का दौर जारी है।
उत्तम क्षमा धर्म के दिन अभिषेक करते हुए श्रावक
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दिगंबर जैन जिनालयों में दशलक्षण पर्यूषण महापर्व का शुभारम्भ हो गया है। यह महापर्व गुरुवार को ऋषि पंचमी से शुरू हो रहा है, जो अनंत चर्तुदर्शी तक चलेगा। पर्व उत्तम क्षमा धर्म से शुरु होगा। उत्तम क्षमा धर्म से शुरु पर्व मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आकिंचन एवं उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के साथ संपन्न होगा।
पर्यूषण महापर्व के प्रथम दिवस उत्तम क्षमा धर्म का है। इस दौरान गुरुवार से प्रातः कालीन रायपुर के सभी दिगंबर जैन मंदिरों में श्री जी को पाण्डुक शीला में विराजमान का शुद्ध प्रासुक जल से अभिषेक, शान्तिधारा और दशलक्षण पूजन का आयोजन धार्मिक वातावरण में किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लेकर धर्म लाभ लिया। आज की शांति धारा करने का सौभाग्य श्रेयश जैन बालू को प्राप्त हुआ।
जैन मंदिरों में पर्यूषण पर्व की आराधना हुई शुरू
रायपुर के श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर ( लघु तीर्थ ), श्री दिगंबर जैन मंदिर फांफाड़ीह, श्री पद्म प्रभु दिगंबर जैन मंदिर लाभांडी,श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर,टैगोर नगर,श्री चंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर शंकर नगर, श्री वासु पूज्य दिगंबर जैन मंदिर डी.डी. नगर आदि अनेक जैन मंदिरों में पर्यूषण पर्व की आराधना प्रारम्भ हुई है।
क्षमा का अभ्यास आत्मा को करता है शुद्ध- श्रेयश जैन
दिगम्बर जैन पंचायत ट्रस्ट और समिति व्यवस्थाओं की देखरेख कर रही है। श्रद्धालु त्याग, संयम और आत्मशुद्धि की साधना में लीन होकर प्रभु आराधना कर रहे हैं। पूर्व उपाध्यक्ष श्रेयश जैन ने क्षमा और संयम के महत्व को बताते हुए कहा कि, क्रोध को जीतकर ही क्षमा को समझा जा सकता है। क्षमा का अभ्यास आत्मा को शुद्ध करता है और जीवन को धर्ममार्ग पर ले जाता है।