सड़कों पर आवारा पशुओं को लेकर हाईकोर्ट सख्त: कोर्ट ने राज्य सरकार से शपथ पत्र में मांगा जवाब
सड़कों पर आवारा पशुओं और बायपास पर वाहनों की भीड़ को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कड़ा जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सड़कों पर आवारा पशुओं और बायपास पर वाहनों की भीड़ को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कड़ा जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि शपथ पत्र में बताया जाए, जिम्मेदार अफसरों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है।
दरअसल, पेंडीडीह बायपास पर होटलों और दुकानों के बाहर वाहनों के जमावड़े तथा नेशनल हाइवे पर बैठे मवेशियों से हो रही दुर्घटनाओं को लेकर संजय रजक ने याचिका दायर की थी। पहले की सुनवाई में कोर्ट ने नगर निगम अफसरों को तलब कर मवेशियों की संख्या बताने, मालिकों पर पेनाल्टी लगाने और चरवाहों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। अब कोर्ट ने दोबारा इस मुद्दे पर जवाब मांगा है और नगर पंचायत रतनपुर को भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं।
समाचार पत्रों में खबर की गई थी प्रकाशित
सड़क पर बैठे बेसहारा मवेशियों और वाहन चालकों की लगातार हो रही मौतों को लेकर पूर्व में खबर प्रकाशित की गई थी। जिसमें बताया गया था कि नगर निगम के साथ ही स्थानीय निकाय इसे लेकर गंभीर नहीं है। साथ ही मवेशी मालिक भी जमकर लापरवाही बरत रहे हैं। हाई कोर्ट की कड़ाई के बाद कुछ मवेशी मालिकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। हालांकि यह भी अपर्याप्त है। अभी भी मवेशी सड़कों पर विचरण करते देखे जा सकते हैं।