आकाशीय बिजली का असर: 200 साल पुराना पीपल का पेड़ गिरा, तीन घर क्षतिग्रस्त

बलौदाबाजार जिले में तेज आंधी-बारिश के दौरान 200 साल पुराना पीपल का पेड़ गिरा। हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई लेकिन तीन मकान और स्कूल का किचन क्षतिग्रस्त हो गया।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-07-25 11:08:00 IST

क्षतिग्रस्त हुआ पेड़ 

कुश अग्रवाल - बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के मध्य स्थित बालक शाला स्कूल परिसर और गांधी चौक के पास रविवार रात एक बड़ा हादसा टल गया। तेज आंधी, बिजली और बारिश के बीच 200 साल पुराना विशाल पीपल का पेड़ अचानक धराशायी हो गया।

संयोग अच्छा रहा कि, इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं बालक शाला स्कूल परिसर में बना मध्यान्ह भोजन का किचन सेट पूरी तरह चपेट में आ गया।




तेज धमाके के साथ उठीं बिजली की चिंगारियां

Balodabazar peepal tree fell People narrowly escaped houses school damagedघटना गुरुवार रात के समय की है, जब स्कूल बंद था और आसपास के मकानों में करीब 10 लोग मौजूद थे। पेड़ के गिरते ही तेज धमाके के साथ बिजली की चिंगारियां उठीं, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। स्थानीय निवासियों ने बताया कि, जिस वक्त पेड़ गिरा, कुछ ही मिनट पहले एक युवक उसी मार्ग से निकला था। किस्मत से वह बाल-बाल बच गया।


स्थानीय लोगों ने वन विभाग और जिला प्रशासन को किया सूचित
महत्वपूर्ण बात यह है कि, एक माह पहले इसी पेड़ में आकाशीय बिजली गिरने से यह दो हिस्सों में बंट चुका था। तब मोहल्लेवासियों ने वन विभाग और जिला प्रशासन को सूचित भी किया था। विभाग ने पेड़ के एक हिस्से को काटकर वहीं छोड़ दिया था, लेकिन बाकी हिस्से को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब वही उपेक्षित हिस्सा कल रात तेज बारिश और हवाओं के बीच धराशायी हो गया।


घर छोड़कर बाहर भागे लोग
घटना के तुरंत बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग घर छोड़कर बाहर भागे। स्कूल की मध्यान्ह भोजन योजना में काम करने वाली महिलाओं को अब खुले आसमान के नीचे खाना बनाना पड़ रहा है, जिससे वे काफी परेशान हैं।


पेड़ को हटवाकर स्थिति सामान्य होने का इंतज़ार
आश्चर्यजनक बात यह रही कि, सुबह 9:00 बजे तक भी प्रशासन का कोई प्रतिनिधि मौके पर नहीं पहुंचा था, जबकि यह स्थान शहर के मध्य में है और मुख्य मार्ग पर स्थित है। फिलहाल, आवागमन को रोक दिया गया है, स्थानीय लोगों का सवाल है कि, अगर प्रशासन और वन विभाग ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो यह हादसा टल सकता था। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि, आखिर प्रशासन कब तक पेड़ को हटवाकर स्थिति सामान्य करेगा।

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