6 महीने से आयुष्मान योजना का पेमेंट रुका: 1 सितंबर से निजी अस्पतालों में नहीं होगा इलाज, IMA ने कहा- पहले भुगतान, फिर इलाज

छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना का पेमेंट नहीं होने पर IMA ने इलाज नहीं करने का निर्णय लिया है। साथ ही उन्होंने सरकार के समक्ष अपनी मांगे भी रखी है।

Updated On 2025-08-22 12:51:00 IST

आयुष्मान योजना का पेमेंट नहीं होने पर IMA ने इलाज नहीं करने का लिया निर्णय

रायपुर। छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना का पेमेंट रुक गया है। जिसके बाद से अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आयुष्मान कार्ड से 1 सितंबर से इलाज नहीं करने का निर्णय लिया है। मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का बयान सामने आया है। निजी अस्पतालों को 1 सितंबर का इंतजार नहीं करना होगा। 1 सितंबर से पहले निजी अस्पतालों को पेमेंट कर देंगे। आगे कहा- निजी अस्पतालों को जुलाई तक का पेमेंट 2-3 दिन के भीतर कर दिया जाएगा।

इस संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। जिसमें लिखा- आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य देश के हर नागरिक, विशेषकर गरीब वर्ग को निशुल्क एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। छत्तीसगढ़ के सभी निजी अस्पताल इस योजना के अंतर्गत लंबे समय से समर्पण और सेवा भाव के साथ कार्यरत हैं। गौरतलब है कि, पिछले 7-8 वर्षों से आयुष्मान योजना के तहत निर्धारित पैकेज दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया है, जबकि इस अवधि में दवाइयों, जांच, उपकरणों एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की लागत में भारी वृद्धि हुई है।

नियमों का हवाला देकर अस्पतालों पर होती है कार्रवाई
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लिखा- अस्पतालों पर लगातार विभिन्न प्रकार के नियमों का हवाला देकर कार्रवाई की जाती है, जिससे कार्य संचालन और भी जटिल होता जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की छत्तीसगढ़ इकाई और जिला इकाई की संयुक्त बैठक आयोजित की गई थी जिस पर आयुष्मान योजना पर चर्चा आयोजित की गई थी राज्य की लगभग सभी इकाइयों ने सदस्यों को अस्पताल की व्यवस्था चलाने में आ रही है।

6 माह से नहीं हुआ भुगतान
पत्र में लिखा- विगत 6 माह (मार्च 25) से भुगतान बंद है। मार्च 2025 में सितंबर अक्तूबर 24 का भुगतान आंशिक रूप से दिया गया था। कुछ सदस्यों ने 2023 से भुगतान लंबित होने की सूचना दी है। सूत्रों से यह भी जानकारी दी जा रहीं है कि मार्च 25 के पहले का भुगतान नहीं किया जाएगा। सदस्यों ने पूर्व में अप्रूव्ड केस को रेजेक्ट किए जाने की सूचना दी है जो कि ग़लत है इससे अस्पतालों को नुक़सान हो रहा है क्यूंकि मरीज इलाज कराकर डिस्चार्ज हो चुके है।

भुगतान नहीं होने पर इलाज होगा बंद
अस्पतालों ने समय पर भुगतान नहीं हो पाने पर मरीज़ के इलाज में आ रही परेशानियों को विस्तार से बताया और भुगतान वयवस्था में सुधार नहीं होने पर योजना में इलाज जारी में अपनी असमर्थता भी बतायी है। विभिन्न जिला इकाइयों द्वारा जिला समिति में भी शिकायत दर्ज की गई है। राज्य इकाई ने भी विभिन्न स्तर, संचालक, सचिव स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को भी इस समस्या से अवगत कराया है।योजना से संबंधित निम्न सकारात्मक सुझाव शासन को पूर्व में भी दिए गए थे जिन पर कार्यवाही नहीं होने से सदस्यों में असंतोष है।

IMA की प्रमुख मांगें 

1. योजना का संचालन ट्रस्ट मोड से ही किया जाए।

2. योजना में बजट आबंटन बढ़ाया जाए। इलाज की दरो की समीक्षा हो। बक़ाया भुगतान नियमानुसार व्याज सहित तुरंत किया जाए। भुगतान First

in, first out के माध्यम से हो।

3. योजना समीक्षा समिति बनाए जिसमें IMA और हॉस्पिटल बोर्ड के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करे और जो नीतिगत सुझाव शासन को देवे।

4. राज्य/ जिला निगरानी समिति बनाई जाए, जिसमें IMA और हॉस्पिटल बोर्ड के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करे।

5. राज्य / जिला शिकायत निवारण समिति बनाई जाए, जिसमें IMA और हॉस्पिटल बोर्ड के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करे।

6. योजना मे पारदर्शिता हेतु 2019 से आज तक की सम्पूर्ण क्लैम का सर्वर डाटा , डैशबोर्ड, दैनिक अप्डेट के साथ प्रदर्शित करने के लिए IT प्लेटफ़ॉर्म सुनिश्चित करे।

7. योजना का 2019 से आज तक का ऑडिट रिपोर्ट वेबसाइट में अपलोड किया जाए।

8. योजना में 2018 से आज तक की सम्पूर्ण क्लैम जानकारी डाटाबेस IMA को अध्ययन के लिए उपलब्ध कराए

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