जनता का 'तेल' निकाल रहे व्यापारी: खाद्य तेलों में वजन का खेल, 1 लीटर की कीमत पर पकड़ा रहे 750, 800 ग्राम का पैकेट
खाद्य तेलों में अब कम वजन का बड़ा खेल प्रारंभ हो गया है। इसके पीछे का कारण यह है कि अब केंद्र सरकार ने वह नियम ही हटा दिया है।
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रायपुर। खाद्य तेलों में अब कम वजन का बड़ा खेल प्रारंभ हो गया है। इसके पीछे का कारण यह है कि अब केंद्र सरकार ने वह नियम ही हटा दिया है, जिसमें पहले खाद्य तेलों के लिए एक लीटर का पैक जरूरी रहता था। अब उत्पादक कंपनियां चाहे कितने भी ग्राम या मिलीग्राम के पैक बना सकती हैं। ऐसे में बाजार में कई कंपनियों के एक लीटर के स्थान पर 750, 800 और 840 ग्राम के पैक आ गए हैं। अगर कोई ग्राहक एक लीटर तेल मांगता है, तो दुकानदार उसे कम पैक वाला तेल भी थमा देता है। कीमत कम देखकर ग्राहक उसे ले लेता है, लेकिन उसे यह मालूम नहीं रहता कि उस पैक में वजन कम है।
अब इस तरह की बातें सामने आने के बाद उत्पादक कंपनियां चाह रही हैं कि केंद्र सरकार वापस वही नियम लागू कर दे, जिसमें एक लीटर से कम पैक कोई कंपनी न कर सके। खाद्य तेलों को लेकर पहले यह नियम रहा था कि उसमें 200, 500 मिलीग्राम के साथ एक, दो और पांच लीटर के पैक में तेल आते थे। आज भी इस पैक में तेल आ रहे हैं, लेकिन अब केंद्र सरकार ने तेलों की पैकिंग के लिए धारा दो को हटा दिया है तो इसके बाद तेल उत्पादक कंपनियों को इस बात की स्वतंत्रता हो गई है कि वे किसी भी वजन के पैक बनाकर बेच सकती हैं। ऐसे में बाजार में कम वजन वाले तेलों के पैक आने के कारण जहां भ्रम की स्थिति हो गई है, वहीं ग्राहकों के ठगे जाने की भी बात हो रही है।
नामी कंपनियों ने बदले नाम
नए नियम के बाद नामी कंपनियों ने भी कम वजन के पैक लाने का काम किया है, लेकिन इन कंपनियों ने अपने उत्पाद के नाम बदल दिए हैं ताकि ग्राहकों को भ्रम न हो और इसकी कीमत भी कम की गई है। जैसा उदाहरण के लिए कीर्ति गोल्ड सोया तेल एक लीटर के पैक में आता है। कंपनी ने कीर्ति गोल्ड के वजन को कम नहीं किया है, बल्कि कीर्ति सोयाबिड के नाम से 800 ग्राम वाला नया पैक बाजार में लाने का काम किया है। इसी तरह से दूसरी कंपनियों ने यह काम किया है। फॉर्च्यून ने जैसे 750 ग्राम का पैक किया है तो उसकी कीमत 107 रुपए है, 840 ग्राम वाले पैक की कीमत 122 रुपए और एक लीटर यानी 910 ग्राम वाले पैक की थोक में कीमत 130 रुपए है। सभी कंपनियों ने दाम कम करके वजन कम किया है। कारोबारियों का कहना है कि वजन कम करने का एक मकसद ग्राहकों के बजट के हिसाब से खरीदारी का मौका देना है। लेकिन ग्राहकों को वजन न बताकर अगर दुकानदार बेच रहे हैं तो यह गलत है।
नियम वापस लाने की मांग
कारोबारियों का कहना है कि कम वजन वाले पैक के कारण लगातार ग्राहकों के ठगे जाने की बात कंपनियों के पास भी जा रही है। असल में देश भर के राज्यों में लोकल कंपनियों ने मनमर्जी से वजन कम करके पैकिंग करने का काम किया है। इन कम पैकिंग वाले खाद्य तेलों को आमतौर पर दुकानदार भी कम वजन का बताकर बेचने के स्थान पर ग्राहक के एक लीटर तेल मांगने पर कम वजन वाला पैक दे दे रहे हैं। ग्राहक भी कम कीमत देखकर वह पैक ले लेते हैं। ऐसे में अब नामी कंपनियों ने केंद्र सरकार से वापस मांग की है कि एक लीटर से कम की पैकिंग की अनुमति को वापस लिया जाए, ताकि ग्राहकों में भ्रम न फैले और ग्राहक ठगे न जाएं।
कम वजन के साथ दाम भी कम
डूमरतराई थोक बाजार के अध्यक्ष प्रेम पाहूजा ने बताया कि, केंद्र सरकार के नियम बदले जाने के बाद बाजार में कम वजन वाले खाद्य तेलों के पैक आ गए हैं। इनकी कीमत भी कम है। लेकिन इसको लेकर जो भ्रम हो रहा है, उसके कारण अब कंपनियां चाहती हैं कि वापस एक लीटर वाला ही नियम लाया जाए।