ISIS आतंकियों के चंगुल में फंसे किशोर: ATS ने इंस्टाग्राम के मुख्यालय से किया संपर्क, मांगा गया बेकअप लागइन और चेट डेटा

पाक मॉड्यूल ISIS आतंकियों के चंगुल में फंसे किशोरों के पकड़े जाने के बाद रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। एटीएस जांच में कई चौंकाने वाली जानकारी निकलकर सामने आई है।

Updated On 2025-11-22 12:45:00 IST

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रायपुर। पाक मॉड्यूल आईएसआईएस आतंकियों के चंगुल में फंसे किशोरों के पकड़े जाने के बाद रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। एटीएस जांच में कई चौंकाने वाली जानकारी निकलकर सामने आई है। दोनों किशोर केवल पाक हैंडलरों के इशारों पर काम नहीं कर रहे थे, किशोरों का संपर्क कई और देश के लोगों के साथ होने की बात सामने आई है। इसके अलावा देश के कई अन्य राज्य के लोगों के साथ किशोर संपर्क में थे। किशोरों के आतंकी नेटवर्क तथा संपर्क को देखते हुए एटीएस ने इंस्टाग्राम मुख्यालय कैलिफोर्निया से तकनीकी डेटा जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

डेटा हासिल करने एटीएस ने इंस्टाग्राम मुख्यालय को मेल किया है। इंस्टाग्राम मुख्यालय को जो मेल किया गया है, उसमें लॉगिन लॉग्स चैट बैकअप्स और सर्वर मेटाडेटा देने मांग की गई है। डिवाइस और लॉग रीव्यू में कई विदेशी डिजिटल हैंडलर्स से संपर्क में किशोरों के होने के संकेत मिले हैं। एटीएस सूत्रों के मुताबिक दोनों किशोर डिजिटली रूप से काफी एक्सपर्ट हैं। दोनों किशोर को पाक हैंडलर्स डिजिटली रूप से पूरी तरह से एक्सपर्ट बना चुके थे।

एटीएस ने मेल कर यह जानकारी मांगी
एटीएस जिस तकनीकी डोजियर की मांग इंस्टाग्राम से कर रही है, उसमें कई बिंदु शामिल हैं, जैसे लॉगिन हिस्ट्री मास्क्ड अकाउंट इंटरैक्शन डिवाइस लिंकिंग रीकवरी लॉग्स बदलते यूजर नेम के पैटर्न और समूह गतिविधियों की टाइमलाइन । मांगी गया यह डेटा उन उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने में निर्णायक होगा जो छद्म पहचान बदलते नाम और अलग-अलग स्थानीय फूटप्रिंट से बातचीत कर रहे थे और जिनकी संलिप्तता अब तक जांच में सामने नहीं आई है।

अरबी सीखने वाले टूल्स का उपयोग
लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच में सामने आया है कि दोनों किशोर अरबी सीखने वाले टूल्स तथा एप्लिकेशन का उपयोग कर रहे थे। दोनों किशोरों के अरबी सीखने का उद्देश्य विदेशी लिंक से सीधे संवाद स्थापित कर संपर्क करना था। दोनों किशोरों ने इंस्टाग्राम पेज में आईएसआईएस रायपुर नाम से एक ग्रुप बनाया था। ग्रुप में सम विचार वाले लोगों को जोड़ा जा रहा था।

डार्क वेब से हथियारों की खोज
पकड़े गए दोनों किशोर के लैपटॉप तथा मोबाइल की पड़ताल में एटीएस को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है। दोनों किशोर द्वारा डार्क वेब ट्रेल्स से घातक हथियारों की खोज किए जाने की जानकारी एटीएस को मिली है। किशोरों द्वारा संबंधित खोज को एटीएस हाई रिस्क कैटेगरी में रख कर जांच कर रही है।

जांच का दायरा लगातार बढ़ रहा
दोनों किशोरों पर शिकंजा कसने के बाद एटीएस की जांच का दायरा और बढ़ता जा रहा है। एटीएस की जांच राज्य के अलग-अलग जिलों से लेकर दूसरे राज्यों तक पहुंच चुकी है। भिलाई के जिन चार लड़कों के एटीएस द्वारा पकड़े जाने की बात सामने आई है, उन लड़कों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। एटीएस लड़कों के मोबाइल को अस्थायी तौर पर जब्त कर तकनीकी जांच कर रही है। तकनीकी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

तालीम देने वालों से होगी पूछताछ
एटीएस ने जिन दो किशोरों को पकड़ा है, उन किशोरों को जिन लोगों से धार्मिक तालीम मिलती थी, एटीएस जरूरत पड़ने पर उन लोगों से भी पूछताछ कर सकती है। साथ ही तालीम देने वाले लोगों से दोनों लड़कों की गतिविधि तथा उनके व्यवहार के बारे में एटीएस के अफसर आने वाले दिनों में पूछताछ कर सकते हैं।

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