चंगाई सभा की आड़ में धर्मांतरण: पुलिस ने पांच लोगों को किया गिरफ्तार, बीमारी ठीक करने का दे रहे थे लालच
सूरजपुर जिले में चंगाई सभा के आड़ कुछ लोगों द्वारा धर्मपरिवर्तन कराया जा रहा है। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
धर्मपरिवर्तन करने वाले पांच लोगों गिरफ्तार
नौशाद अहमद - सूरजपूर छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण मामले को लेकर बवाल मचा हुआ है। इसको लेकर सरकार सख्त कार्रवाई भी कर रही है लेकिन इसके बावजूद लगातार मामले सामने आ रहे है। ऐसा ही मामला सूरजपुर जिले से सामने आया है। जहां चंगाई सभा के आड़ में लोगों का धर्मपरिवर्तन कराया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। मामला भटगॉव थाना क्षेत्र का है।
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम बुंदियां में एक व्यक्ति ने थाने लिखित शिकायत दर्ज कराया की। मंगल टोप्पो के घर में चंगाई सभा का आयोजित किया था। जिसे मुझे बुलाया गया था। वहीं कुछ अन्य लोगों के साथ आए पादरी के द्वारा उसे बीमारी ठीक करने का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने की बात कहा रहा था। इसके साथ ही गांव में प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा था। प्रार्थी की शिकायत पर पुलिस गांव पहुंची और धर्मातरण करा रहे पांच लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
सरकारी जमीन पर बने चर्च को बुलडोजर से किया गया ध्वस्त
वहीं 18 अगस्त को बिलासपुर के सकरी थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध धर्मांतरण के केंद्र चर्च पर सोमवार को प्रशासन का पिला पंजा चला। सरकारी जमीन में बने अवैध भवन में चल रहे चर्च को जमीदोज कर दिया गया। दरअसल, हिंदू संगठन ने एक माह पहले भरनी गांव में चल रहे प्रार्थना सभा के आड़ में धर्मांतरण का खुलासा किया था। हिंदू संगठन और ग्राम सरपंच का आरोप है कि, गांव के ही सूर्यवंशी समाज के महावीर सूर्यवंशी और उसके परिवार के लोग सरकारी जमीन में एक अवैध चर्च बनाए हुए हैं। गांव के करीब 40 से 50 लोगों का ब्रेन वॉश करके उनका ईसाई धर्म में परिवर्तन करा दिया गया।
एक माह पहले हुआ था खुलासा
एक महीने पहले हुए खुलासे के बाद ग्राम पंचायत की अनुशंसा पर प्रशासन ने भरनी में चल रहे धर्मांतरण के केंद्र चर्च को जमीदोज कर दिया है। इस अवैध धर्मांतरण के हब को तोड़ने पहुंचे प्रशासन के साथ पुलिस बल और बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के लोग मौजूद रहे। चल रहे कार्रवाई पर ईसाई धर्म अपना चुके महावीर सूर्यवंशी के परिवार का कहना है कि, उन्होंने अपनी मर्जी से ईसाई धर्म को अपनाया है, पर किसी को धर्मांतरण के लिए प्रेरित नहीं किया।