छत्तीसगढ़ में भी होगा SIR: हटाए जाएंगे गलत तरीके से जोड़े गए और मृत व्यक्तियों के नाम
चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का ऐलान किया। इसी कड़ी में आयोग ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी SIR होगा।
चुनाव आयोग
रायपुर। चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का ऐलान किया। इसी कड़ी में आयोग ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी होगा SIR का ऐलान किया है। बीएलओ गणना प्रपत्र वितरित करेंगे। मतदाताओं को उन्हें भरने में मदद करेंगे और फिर उन्हें प्राप्त करेंगे। बीएलओ प्रत्येक मतदाता के घर कम से कम तीन बार जाएँगे।
दरसअल, चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का ऐलान किया है। चुनाव आयोग के मुताबिक क़ानून कहता है कि निर्वाचन सूची का पुनरीक्षण निम्न स्थितियों में किया जाना आवश्यक है।
प्रत्येक चुनाव से पहले; या आवश्यकता के अनुसार-
- राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची की गुणवत्ता से संबंधित मुद्दे उठाए हैं।
- SIR (Systematic Intensive Revision) अब तक 1951 से 2004 के बीच 8 बार किया जा चुका है।
- अंतिम SIR को हुए अब 21 वर्ष से अधिक समय हो चुका है (सन् 2002–2004 में हुआ था)।
निर्वाचन सूचियों में कई परिवर्तन निम्न कारणों से हुए हैं-
- बार-बार प्रवास (Migration) होने के कारण, मतदाता एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हो रहे हैं।
- मृत मतदाताओं को सूची से नहीं हटाया गया है।
- किसी विदेशी नागरिक का गलत तरीके से समावेश हो गया हो।
बिहार SIR पर मचा था बवाल
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ECI ने बिहार में SIR अभियान चलाया था। उस दौरान बिहार में काफी बवाल मचा था। राहुल गांधी से लेकर तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी दलों ने आयोग पर जमकर निशाना साधा था। इन सबके बीच चुनाव आयोग ने अपनी कार्यवाही जारी रखी। अब बिहार में वोटर लिस्ट के गहन रिवीजन का काम पूरा हो चुका है। लगभग 7.42 करोड़ नामों वाली अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई थी। विपक्षी दलों के नेता खासकर राहुल गांधी इसे वोट चोरी करार देकर विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले पर सुनवाई कर रहा है।