सीएजी ने पकड़ा सौर सुजला का 'अंधेरा': एसी की जगह लगा दिए डीसी पंप, 50 करोड़ का फटका
सीएजी की रिपोर्ट में सौर सुजला योजना में बड़ा खुलासा हुआ है। एसी की जगह महंगे डीसी पंप लगाने से 49.39 करोड़ का नुकसान हुआ है।
सोलर वॉटर पंप
रायपुर। सौर सुजला योजना देश के किसानों के खेतों तक पानी पंहुचाने वाली एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की एजेंसी क्रेडा पर है। इस संस्था ने योजना के दिशा निर्देशों को दरकिनार करते हुए एसी पंप की जगह डीसी पंप लगा दिए। वह भी दो चार या दस भी नहीं, 88 हजार से अधिक डीसी पंप लगाए गए, जो एसी की तुलना में मंहगे थे।
इस गड़बड़ी से करीब 50 करोड़ (49.39 करोड़) की अतिरिक्त लागत आई। सीएजी की ताजा रिपोर्ट में इस मामले का उल्लेख है। दिलचस्प ये है कि सीएजी ने जब इस बारे में पूछा, तो सरकार ने बताया कि डीसी पर पंपों की चोरी की संभावना कम है, क्योंकि इसका कोई और उपयोग नहीं है। सौर सुजला योजना का उद्देश्य विशेष रूप से विद्युत विहीन, दुर्गम क्षेत्रों में सौर पंपों की स्थापना के माध्यम से लघु सिंचाई सुविधा पहुंचाना है।
एसी से महंगे थे डीसी पंप
अवधि वर्ष 2016-23 के दौरान, क्रेडा ने दो से पांच एचपी के एसी तथा डीसी सबमर्सिबल तथा सतही सौर पंपों की आपूर्ति तथा स्थापना के लिए खुली निविदा आमंत्रित की थी। सबमर्सिबल तथा सतही सौर पंपों की प्रति इकाई न्यूनतम स्वीकृत दरें एसी पंप हेतु 1 लाख 38,585 तथा 4 लाख 50 हजार के मध्य थी जबकि डीसी सौर पंप हेतु प्रति इकाई दर 1 लाख 86,219 तथा 4 लाख 90 हजार 500 के मध्य थी। इस तरह, डीसी सौर पंप हेतु स्वीकृत दरें एसी सौर पंप के लिए स्वीकृत दरों के तुलना में 40,500 से 47,634 तक अधिक थी।
डीसी पंप एक से दो एचपी तक के लिए ही लगने थे
सौर सुजला योजना का उद्देश्य विशेष रूप से विद्युतविहीन, दुर्गम क्षेत्रों में सौर पंपों की स्थापना के माध्यम से लघु सिंचाई सुविधा पहुंचाना है। योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2018-19 के लिए तीन से पांच एचपी क्षमता श्रेणी के केवल एसी सौर पंपो की स्थापना की जानी थी। जबकि डीसी सौर पंप का
विकल्प एक से दो एचपी क्षमता श्रेणी के लिए ही उपलब्ध था। हालांकि वर्ष 2019-20 के संशोधित दिशानिर्देशों में एसी एवं डीसी सौर पंपों का विकल्प सभी श्रेणियों अर्थात दो से पांच एचपी क्षमता वाले पंपों तक बढ़ा दी गई थी।
एसी से महंगे थे डीसी पंप
अवधि वर्ष 2016-23 के दौरान, क्रेडा ने दो से पांच एचपी के एसी तथा डीसी सबमर्सिबल तथा सतही सौर पंपों की आपूर्ति तथा स्थापना के लिए खुली निविदा आमंत्रित की थी। सबमर्सिबल तथा सतही सौर पंपों की प्रति इकाई न्यूनतम स्वीकृत दरें एसी पंप हेतु 1 लाख 38,585 तथा 4 लाख 50 हजार के मध्य थी जबकि डीसी सौर पंप हेतु प्रति इकाई दर 1 लाख 86,219 तथा 4 लाख 90 हजार 500 के मध्य थी। इस तरह, डीसी सौर पंप हेतु स्वीकृत दरें एसी सौर पंप के लिए स्वीकृत दरों के तुलना में 40,500 से 47,634 तक अधिक थी।
88 हजार से अधिक महंगे पंप लगाए
लेखापरीक्षा (अप्रैल 2021 तथा सितम्बर 2023 के मध्य) में पाया गया कि अवधि वर्ष 2016-23 के दौरान, सौर सुजला योजना के अंतर्गत क्रेडा ने 1,24,472 सौर पंप स्थापित किए थे जिसमें 88,806 डीसी (71.35 प्रतिशत) पंप तथा 35,666 (28.65 प्रतिशत) एसी पंप शामिल थे। इनमें से, वर्ष 2016-17 से 2018-19 के दौरान, योजना के दिशानिर्देशों के विपरीत एसी पंपों की जगह तीन से पांच एचपी के 24,427 डीसी सौर पंप स्थापित किए थे। जिसके परिणामस्वरूप एसी पपों के अपेक्षा डीसी पंपो को प्राथमिकता देने के कारण योजना पर 49 करोड़ 39 लाख रुपयों की अतिरिक्त लागत आई। वर्ष 2016-17 से 2018-19 के दौरान तीन से पांच एचपी के महंगे डीसी पंप स्थापित किए गए थे जबकि दिशानिर्देशो में एसी पंपों की स्थापना हेतु प्रावधान किए गए थे। इसके परिणामस्वरूप 49.39 करोड़ का अतिरिक्त व्यय हुआ।