उत्तर छत्तीसगढ़ में चल रही बर्फीली हवाएं: सरगुजा में और गिरेगा रात का तापमान

अंबिकापुर में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना, उत्तर भारत में सक्रिय विक्षोभ के कमजोर पड़ने के बाद पश्चिमोत्तर की बर्फीली हवाओं का प्रवाह शुरू हो गया है।

Updated On 2025-12-26 08:58:00 IST

सरगुजा में पड़ रही कड़ाके की ठंड (File Image) 

अंबिकापुर। पश्चिमोत्तर की बर्फीली हवाओं के प्रभाव से एक बार फिर पारा में गिरावट होने के साथ ही कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। उत्तर भारत में सक्रिय विक्षोभ के कमजोर पड़ने के बाद एक बार फिर उत्तर एवं पश्चिमोत्तर की बर्फीली हवाओं का प्रवाह शुरू हो गया है। मौसम विज्ञानी सर्द हवाओं के प्रभाव से एक बार फिर शहर सहित पूरे संभाग में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना व्यक्त कर रहे है।

दिसम्बर के प्रारंभ से ही सरगुजा में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इस बीच उत्तर भारत में विक्षोभ के पछुआ विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण पारा में आंशिक वृद्धि भी दर्ज की गई है। इसके बावजूद दिसम्बर की शुरूआत से ही पारा 6.0 डिग्री सेल्सियस के नीचे स्थिर है। उत्तर भारत में लगातार दो-तीन पछुआ विक्षोभ सक्रिय होने के बावजूद पश्चिमोत्तर की बर्फीली हवाओं के प्रवाह पर कोई असर नहीं पड़ा है। पिछले दो दिनों से शहरी क्षेत्रों में कोहरा से राहत है लेकिन मैदानी इलाकों में अभी भी लगातार कोहरा छा रहा है। कोहरा छंटने के बाद धूप की उष्मा बढ़ी है।

अधिक ठंड बढ़ने की संभावना
मंगलवार को दिन के तापमान में लगभग 2.0 डिग्री की वृद्धि भी दर्ज की गई थी, लेकिन गुरुवार को उत्तर की सर्द हवाएं पहुंचने के साथ ही पारा में गिरावट आने का क्रम शुरू हो गया है। मौसम विभाग कार्यालय द्वारा गुरुवार को न्यूनतम पारा 5.7 डिग्री, वहीं अधिकतम पारा 24.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। पिछले 24 घंटों में अधिकतम तापमान में 1.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विज्ञानी पश्चिमोत्तर की ठंडी हवाओं के प्रभाव से शुक्रवार से एक बार फिर पारा में गिरावट होने के साथ ही ठंड बढ़ने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं।

पठारी क्षेत्रों में दिखेगा असरः मौसम विज्ञानी
मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि, उत्तर की बर्फीली हवाएं सबसे पहले ऊंचाई वाले पठारी क्षेत्रों को प्रभावित करती हैं और तापमान में तेज गिरावट होती है। धीरे-धीरे ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों में फैलती हैं। जिससे पठारी क्षेत्रों के पारा में तेज गिरावट जबकि मैदानी इलाकों में पारा धीरे-धीरे गिरता है। इस बार भी पठारी क्षेत्रों में ठंड का अधिक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

सरगुजा सर्वाधिक ठंडा
छत्तीसगढ़ के अन्य क्षेत्रों की तुलना में सरगुजा की जलवायु अलग है। उत्तर और पश्चिमोत्तर की बर्फीली हवाएं सरगुजा की जलवायु को विशेष रूप से प्रभावित करती हैं। इसके कारण यहां प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी अधिक ठंड पड़ती है। यही कारण है कि, नवम्बर मध्य से ही सरगुजा छत्तीसगढ़ का सबसे ठंडा इलाका बना हुआ है। मध्य छत्तीसगढ़ के लोग जब सरगुजा की सीमा में प्रवेश करते हैं। यहां की ठंड उन्हें कंपकपा कर हैरानी में डाल देती है। मौसम विज्ञानी उत्तर भारत में ताकतवर विक्षोभ के प्रभावशील होने पर ही ठंड से कुछ राहत मिलने की संभावना व्यक्त कर रहे है।

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