खपरैलनुमा मकान में चल रहा आंगनबाड़ी केंद्र: बच्चों की सुरक्षा पर मंडरा रहा संकट, अधिकारी बोले- भेजा गया है प्रस्ताव

नगरी के से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत कसपुर के डीही पारा में आंगनबाड़ी केंद्र आज अत्यंत दयनीय स्थिति में संचालित हो रहा है।

Updated On 2025-09-23 14:43:00 IST

आंगनबाड़ी केंद्र 

अंगेश हिरवानी- नगरी। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा बाल विकास के क्षेत्र में व्यापक कदम उठाते हुए प्रदेशभर में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की गई है। ताकि, 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों को पोषण, स्वास्थ्य सेवाएं और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जा सके। इसके लिए शासन द्वारा करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत कर गाँवों में आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कराया गया है। लेकिन धमतरी जिले के वनांचल क्षेत्र अंतर्गत नगरी विकासखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत कसपुर के डीही पारा में आंगनबाड़ी केंद्र आज भी अत्यंत दयनीय स्थिति में संचालित हो रहा है। यहाँ पर विभाग का स्थायी भवन नहीं होने के कारण केंद्र एक खपरैलनुमा कच्चे मकान के बरामदे में चल रहा है।

यहां के स्थानीय सरपंच ने बताया कि, वर्ष 2015 में बना भवन निर्माण की गुणवत्ता बेहद खराब होने के कारण वर्ष 2023 तक जर्जर हो गया और अब पूरी तरह अनुपयोगी है। नई भवन की स्वीकृति के लिए शासन को कई बार प्रस्ताव भेजा गया है, पर अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। इस अस्थायी और असुरक्षित व्यवस्था में बच्चों को बारिश, सर्दी व गर्मी के मौसम में अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे उनके स्वास्थ्य व शिक्षा दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। 

नया भवन स्वीकृत कराने के लिए भेजा गया है प्रस्ताव
इस संबंध में जब नगरी मुख्यालय के बाल विकास परियोजना अधिकारी सोमेंद्र साहू से दूरभाष पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि, कसपुर के डीही पारा में आंगनबाड़ी केंद्र के लिए नया भवन स्वीकृत कराने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि स्वीकृति मिलते ही नए भवन का निर्माण कार्य तत्काल शुरू किया जाएगा और केंद्र को व्यवस्थित भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। 

ग्रामीणों ने जल्द से जल्द भवन की स्वीकृत करने की मांग
ग्रामीणों ने शासन से मांग की है कि बच्चों के भविष्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शीघ्रता से नए भवन की स्वीकृति दी जाए, ताकि आंगनबाड़ी केंद्र सुचारू रूप से और सुरक्षित वातावरण में संचालित हो सके। 

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