यूरिया खाद का स्टॉक हुआ खत्म: किसानों की बढ़ी चिंता, SDM बोले- जल्द होगी आपूर्ति
मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र में अपंजीकृत किसानों के लिए उपलब्ध खाद का स्टॉक अस्थायी रूप से समाप्त हो गया है।
यूरिया खाद का स्टॉक हुआ खत्म
राहुल यादव-लोरमी। मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र में अपंजीकृत किसानों के लिए उपलब्ध खाद का स्टॉक अस्थायी रूप से समाप्त हो गया है। इस संबंध में लोरमी एसडीएम मायानंद चंद्रा ने जानकारी देते हुए कहा है कि, किसानों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, आने वाले कुछ दिनों में खाद की आपूर्ति पुनः शुरू हो जाएगी।
किसानों को न घबराने की अपील
एसडीएम ने बताया कि, खाद का नया स्टॉक जल्द ही जिले में पहुँचेगा और वितरण प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने किसानों से संयम बनाए रखने की अपील की है।
मीडिया को भी दिया संदेश
एसडीएम चंद्रा ने मीडिया साथियों से कहा है कि, वे इस सूचना को अधिक से अधिक प्रचारित करें, ताकि कोई भी किसान गलतफहमी या अफवाह के कारण परेशान न हो।
समस्या का शीघ्र समाधान
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि, यूरिया की कमी अस्थायी है और जल्द ही सभी किसानों को खाद उपलब्ध करा दी जाएगी।
यूरिया खाद की खुले आम कालाबाजारी
वहीं पिछले ही दिनों समय पर खाद का छिड़काव करने के लिए मजबूरन किसानों को निजी कृषि केन्द्रों से खाद की खरीदी करनी पड़ रही है। वहीं, कवर्धा में किसानों को उचित कीमत में खाद मिलने पर थोड़ी राहत मिली है। दुर्ग जिले में यूरिया खाद की खुले आम कालाबाजारी चल रही है। सहकारी समितियों में 600 रुपए की यूरिया बोरी को बाजार में 1000 रुपए में बेचा जा रहा है। दुर्ग और पाटन क्षेत्र के कृषि केंद्रों में कृषि केंद्रों हरिभूमि की पड़ताल में इसका खुलासा हुआ। कृषि केंद्रों में जब डीएपी खाद के दाम विक्रेताओं से पूछा गया तो उन्होने 2000 रुपए बोरी बताया। डीएपी सहकारी समितियों में 1350 रुपए बोरी मिलता है। दरअसल सहकारी समितियों में किसानों को यूरिया का वितरण नैनो यूरिया के नाम से किया जा रहा है। जिसकी वजह से किसान कृषि केंद्रों में जाकर यूरिया खाद ले रहे हैं। कृषि केंद्र वाले इसी का फायदा उठा रहे हैं।