खबर से बौखलाए एलबी नगर के कब्जाधारी: पत्रकार के परिवार से किया गाली- गलौज, मारने की दी धमकी
नगर पंचायत एलबी नगर में अतिक्रमण मामले में खबर प्रकाशित होने के बाद कब्जाधारियों ने पत्रकार के परिवार पर हमला कर दिया। वार्ड के कुछ लोगों ने गाली- गलौज करते हुए मारने की धमकी दी है।
पत्रकार के परिवार से किया गाली- गलौज करते हुए मोहल्ले के लोग
तरुणा साहू- डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के नगर पंचायत लाल बहादुर नगर में अतिक्रमण मामले में विवाद गहरा गया है। हरिभूमि डॉट कॉम में खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद अतिक्रमणकारियों ने पत्रकार के परिवार पर ही हमला बोल दिया। मामला उजागर होने के बाद अतिक्रमी आक्रोशित होकर गाली- गलौज करने लगे। साथ ही मारने की भी धमकी देने लगे। वहीं पत्रकार को भी जमकर गाली- गलौज कर मारने की धमकी दिया।
एकतरफा कार्रवाई का मामला सामने आने के बाद स्थानीय पत्रकारों ने मुद्दे को उजागर किया था। जिसके बाद कब्जाधारियों में काफी आक्रोश है और पत्रकार के परिवार पर हमला करने लगे। खबर में सिर्फ इलाके में हो रहे अतिक्रमण के बारे में ध्यान आकर्षित कराया गया था किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं लिखा गया था। मामले में नगर पंचायत प्रशासन की तरफ से भी नोटिस जारी हुआ है लेकिन लोग परिवार को दोषी ठहरा रहे हैं।
लिखित शिकायत दर्ज
मामले में सबसे पहले चिचोला थाना प्रभारी योगेश पटेल से फोन पर बात की गई तो उन्होंने चक्काजाम में व्यस्त होने का हवाला दिया। इसके बाद डायल 112 को कॉल किया गया तो पुलिस मौके पर पहुंची थी। इसके बाद परिजनों ने चिचोला थाने जाकर लिखित रूप में शिकायत दर्ज कराया है। पुलिस से जब एफआईआर की बात की गई तो उन्होंने मामले में कार्रवाई करने की बात कही है। फिलहाल परिवार की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। घटना घटित होने के बाद एक बार फिर पत्रकार और उसके परिवार की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला नगर पंचायत लाल बहादुर नगर के वार्ड नंबर 14 और 13 डोंगरगढ़ मेन रोड का है। यहां से नेशनल हाईवे की दूरी एक से दो किलोमीटर है। मेन रोड के किनारे बसे ज्यादातर लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर रखा है। गत 1 सितंबर को उसी रोड किनारे हुए अतिक्रमण को लेकर वार्ड नंबर 14 के दो कब्ज़ाधारियों को नगर पंचायत ने नोटिस जारी किया था। इस दौरान कब्ज़ा नहीं हटाने पर 10 सितंबर को दूसरी बार कारण बताओ नोटिस जारी हुआ लेकिन फिर कब्ज़ा नहीं हटा तो 25 सितंबर को स्थानीय प्रशासन ने दल- बल के साथ जाकर तोड़ दिया।
प्रशासन ने नोटिस देकर छोड़ दिया था
इसी इलाके के दूसरे कब्जाधारी को 25 सितंबर को ही जगह खाली करने की समझाइश देते हुए छोड़ दिया था। वहीं 26 सितंबर को सरकारी सम्पति से अतिक्रमण हटाने के लिए दर्जनभर से अधिक लोगों को अतिक्रमियों को नोटिस दिया था। इसके एक महीने बीत जाने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटा था और न अब नगर पंचायत प्रशासन सुध ले रहा था।
दो- दो सरकारी हैंडपंप पर लोगों का कब्ज़ा
यह मोहल्ला पूर्व में एक ही वार्ड में आता था लेकिन अब अलग- अलग वार्डों में बंट गया है। यहां पर दो- दो सरकारी हैंडपंप है जिस पर अब लोगों ने कब्ज़ा जमा लिया है। साथ ही तालाब के किनारे तक को लोगों ने घेर लिया है कई बार शिकायत के बाद भी प्रशासन कुंभकरण की नींद सो रहा है। वार्ड नं 13 और 14 मुख्यमार्ग किनारे की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण है। जिसमें पक्का निर्माण, दुकान, दीवार घेराव आदि किया गया है। यह अतिक्रमण भूमि/ सार्वजनिक संपत्ति पर है।
हैंडपंप को बनाने के बजाये गुपचुप तरीके से ले गए
वार्ड नंबर 13 में एक हैंडपंप था जो ख़राब हो गया था। वहीं अब इस हैंडपंप के स्थान पर अब भवन निर्माण हो गया है और हैंड पंप पूरी तरह गायब हो गया है। मोहल्ले के ही लोगों ने बताया कि, हैंड पंप को पीएचसी लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (PHE) के अधिकारी उसे ठीक करने के बजे निकालकर ले गए। इस बात की सार्वजनिक रूप से किसी को पता नहीं है। इस हैंड पंप के निकल जाने के बाद अब मोहल्ले के लोग एक ही हैंड पंप पर निर्भर है वह भी आए दिन ख़राब होते रहता है।
जर्जर कुएं की सुध नहीं
वार्ड का एकमात्र सरकारी कुआँ पूरी तरह जर्जर हो गया इसके ढहने से दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है। स्थानीय लोग कई बार मरम्मत के लिए बोल चुके हैं लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। आस- पास बच्चे खेलते हैं इसलिए डर बना रहता है। हैरानी की बात है कि, इसी कुएं के सामने गार्डन बनाने का प्रस्ताव आया है। लोगों का कहना है कि, जर्जर कुएं के पास गार्डन बनाने से कोई हादसा होगा तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई पर उठे थे सवाल
प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई पर कई तरह के सवाल उठ रहे थे। लोगों का कहना था कि, सड़क किनारे की सरकारी जमीन पर कई लोगों ने अतिक्रमण किया है लेकिन अधिकारियों ने एक के ऊपर ही कार्रवाई की है। नियम सब के लिए है एक के साथ सबका अतिक्रमण हटना चाहिए चाहे वह आम आदमी हो या नेता अधिकारी।