जगदलपुर में भव्य कार्तिक पूर्णिमा आयोजन: सवा लाख दीपों की ज्योति से आलोकित हुआ लक्ष्मीनारायण मंदिर
जगदलपुर के श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, सहस्र दीपालंकार, हवन और प्रसाद वितरण के साथ कार्तिक मास का समापन हुआ।
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जगमगाता लक्ष्मीनारायण मंदिर
अनिल सामंत - जगदलपुर। आस्था और प्रकाश के महापर्व कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर भक्तों की भीड़ से भर गया। भोर होते ही मंदिर परिसर में घंटा-घड़ियालों की ध्वनि और मंत्रोच्चारण के बीच श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ पड़े, सुबह 4 बजे से ही दर्शनार्थियों का तांता लग गया था।
भव्य समापन के साथ सम्पन्न हुआ कार्तिक मास
पूरे कार्तिक मास में चले धार्मिक अनुष्ठानों और आकाश दीप दान की श्रृंखला का आज भव्य समापन हुआ। तीन दिन पूर्व आयोजित देवउठनी एकादशी एवं तुलसी विवाह के अवसर पर सवा लाख बत्ती का दीपदान किया गया था। इस दौरान श्रद्धालुओं ने सवा लाख बत्ती की दीप हंडी को सिर पर रखकर मंदिर की परिक्रमा की, यह दृश्य भक्तिभाव और उल्लास का अद्भुत संगम बना रहा।
श्री विष्णु सहस्रनाम हवन में गूंजे वैदिक मंत्र
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर के सिंहद्वार के समक्ष आचार्य पंडित रोमितराज त्रिपाठी के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्री विष्णु सहस्रनाम हवन संपन्न हुआ। मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित किशोर तिवारी सपत्नीक मुख्य जजमान के रूप में विराजमान रहे। पूजा-अर्चना के दौरान विवाहित जोड़ों ने हवन कुंड के चारों ओर आहुति देकर अपने वैवाहिक जीवन में मंगलकामना की। पूजन उपरांत श्रद्धालुओं को अन्नभोग और प्रसाद वितरण किया गया। दिनभर मंदिर परिसर में 'हरि नाम संकीर्तन' और भजन कीर्तन की गूंज सुनाई देती रही।
सांयकाल में हुआ सहस्र दीपालंकार का आयोजन
शाम को देव दीपावली के उपलक्ष्य में सहस्र दीपालंकार का भव्य आयोजन किया गया, इस अवसर पर 1008 तिल तेल के दीप भगवान श्री विष्णु को अर्पित किए गए। मंदिर परिसर और आस-पास के क्षेत्र ने आकाश दीपों की ज्योति से आलोकित होकर मनोहारी दृश्य देखा। कार्तिक मास की पवित्रता और दीपों की दिव्यता से पूरा परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत रहा।