बिलासपुर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: निजी शैक्षणिक संस्थाओं पर लागू होगा ESIC, सभी स्कूलों को करना होगा पालन
बिलासपुर हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए प्रदेश के 8 हजार निजी शैक्षणिक संस्थाओं पर भी ESIC कानून लागू कर दिया है।
बिलासपुर हाई कोर्ट
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जिसके अनुसार, प्रदेश के 8 हजार निजी शैक्षणिक संस्थाओं पर भी ESIC कानून लागू होगा। वहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निजी शैक्षणिक संस्थानों की याचिका को खारिज कर दिया है। अब शिक्षण संस्थाओं के लाखों कर्मचारी ESIC एक्ट के दायरे में होंगे।
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा। हाईकोर्ट के आदेश से प्रदेशभर के 7 हजार 975 निजी और सहायता प्राप्त स्कूल प्रभावित होंगे। 1 अप्रैल 2024 से सभी निजी स्कूलों में अनिवार्य ESIC कानून का पालन होगा। मामले में 2005 में राज्य सरकार और ESIC ने स्कूलों को जारी नोटिस किया था। इसी के खिलाफ बिलासपुर समेत प्रदेश के स्कूलों ने HC में याचिका लगाई थी।
क्या है मामला
दरअसल, प्रदेश सरकार ने 27 अक्टूबर 2005 को अधिसूचना जारी कर शैक्षणिक संस्थानों को भी ईएसआईसी एक्ट के दायरे में लाने का निर्णय लिया था। इसके तहत 20 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाले स्कूलों को 1 अप्रैल 2006 से इस कानून का पालन करना जरूरी किया गया था। 2011 में ईएसआईसी ने योगदान राशि जमा करने के लिए नोटिस जारी किया, तो कई स्कूलों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
कई स्कूलों ने किया था विरोध
याचिका में कहा गया कि, शिक्षा देना कोई व्यापार या औद्योगिक गतिविधि नहीं है। इसलिए स्कूलों को एस्टेब्लिशमेंट की श्रेणी में लाकर ईएसआईसी एक्ट लागू करना गलत है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला दिया कि, शिक्षा सेवा कार्य है, इसे बिजनेस की तरह नहीं देखा जा सकता। वहीं राज्य सरकार और ईएसआईसी कॉर्पोरेशन ने दलील दी कि स्कूलों में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी काम करते हैं, जिन्हें बीमारी, मातृत्व और दुर्घटनाओं की स्थिति में सामाजिक सुरक्षा मिलना चाहिए। यही इस कानून का उद्देश्य है। हाईकोर्ट ने सरकार की दलील को सही मानते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थान भी “एस्टेब्लिशमेंट” की परिभाषा में आते हैं। इसलिए ईएसआईसी एक्ट लागू होगा और कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
आठ हजार निजी स्कूलों पर पड़ेगा असर
इस फैसले का असर प्रदेश के करीब आठ हजार निजी और सहायता प्राप्त स्कूलों पर पड़ेगा। इनमें 5 हजार 680 निजी, 738 सहायता प्राप्त, 413 आंशिक सहायता प्राप्त और 180 अन्य स्कूल शामिल हैं। इन संस्थानों में काम करने वाले लगभग 96 हजार 500 कर्मचारियों को ईएसआईसी का लाभ मिलेगा। इसमें 50 हजार से अधिक गैर- शैक्षणिक कर्मचारी भी हैं। सरकार का कहना है कि, ईएसआईसी पॉलिसी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा कवच है। बीमारी, मातृत्व और दुर्घटनाओं की स्थिति में यह बड़ा सहारा बनेगी और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।