सजा का ऐलान: चाकूबाजी में युवक की हत्या, कोर्ट ने दो भाइयों को दी उम्रकैद

दुर्ग में कोर्ट ने हत्याकांड में दो सगे भाइयों, राकेश साहू और अजय साहू को आजीवन कारावास और 500 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

Updated On 2025-10-08 21:14:00 IST

जिला न्यायालय, दुर्ग 

दुर्ग। पंचम अपर सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार कोशले की अदालत ने एक सनसनीखेज हत्याकांड में दो सगे भाइयों, राकेश साहू और अजय साहू, को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों आरोपियों को गजेंद्र विश्वकर्मा की हत्या के लिए आजीवन कारावास और 500 रुपये के अर्थदंड की सजा दी गई। इसके अतिरिक्त रमेश विश्वकर्मा पर जानलेवा हमले के लिए सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। इस मामले में तीसरे आरोपी, दोनों भाइयों के बड़े भाई घनश्याम साहू को भी सह-अभियुक्त बनाया गया था, लेकिन पिछले वर्ष उनकी मृत्यु हो चुकी है।

अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक नंदनी चंद्रवंशी ने प्रभावी पैरवी की, जिसके आधार पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। घटना 19 फरवरी 2023 की रात दुर्ग के कंडरा पारा, बजरंग नगर में हुई थी। दुरपति विश्वकर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज की थी कि उनका छोटा बेटा रमेश विश्वकर्मा घर आया और उसने बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाले राकेश साहू (33 वर्ष), अजय साहू (24 वर्ष), और घनश्याम साहू (36 वर्ष) उनके बड़े भाई गजेंद्र विश्वकर्मा के साथ मारपीट कर रहे हैं। दुरपति तुरंत मौके पर पहुंची, जहां उन्होंने देखा कि घनश्याम और राकेश ने गजेंद्र को जकड़ रखा था, जबकि अजय धारदार चाकू से गजेंद्र के पेट, गर्दन और शरीर के अन्य हिस्सों पर ताबड़तोड़ वार कर रहा था। यह देखकर रमेश ने अपने भाई को बचाने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उस पर भी चाकू से हमला कर दिया। हमले के बाद तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए।

इलाज के दौरान हुई मौत
घायल गजेंद्र और रमेश को तत्काल अस्पताल ले जाया गया। गंभीर चोटों के कारण गजेंद्र की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई, जबकि रमेश को गंभीर हालत में चिकित्सा प्रदान की गई। पुलिस ने दुरपति की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। विवेचना का जिम्मा देवादास भारती को सौंपा गया, जिन्होंने साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस तैयार किया। जांच में पता चला कि आरोपियों और पीड़ित परिवार के बीच पहले से ही किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था, जिसके चलते यह हिंसक घटना हुई।

कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को किया ख़ारिज
कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने घटना के चश्मदीद गवाहों, पुलिस जांच और मेडिकल रिपोर्ट्स के आधार पर आरोपियों की क्रूरता को साबित किया। बचाव पक्ष ने आरोपियों को बेकसूर बताने की कोशिश की, लेकिन साक्ष्यों के अभाव में उनके तर्क खारिज हो गए। न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा का ऐलान किया। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और स्थानीय लोगों में न्याय की उम्मीद जगाने वाला फैसला माना जा रहा है।

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