पुश्तैनी जमीन पर रसूखदार का कब्जा: बुजुर्ग दंपत्ति 14 साल से काट रहे कलेक्ट्रेट का चक्कर, मीडिया की पहल पर कलेक्टर ने दिया आश्वासन

बिलासपुर में 87 वर्षीय बुजुर्ग दंपत्ति पिछले 14 वर्षों से पुश्तैनी जमीन पर कब्जा हटाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।

Updated On 2025-12-01 17:46:00 IST

पीड़ित बुजुर्ग दंपत्ति की तस्वीर

पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां पिछले 14 साल से एक बुजुर्ग दंपत्ति का वनवास खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। 14 साल से पीडीएस का चावल बेचकर न्याय की गुहार लगाते-लगाते बुजुर्ग दंपत्ति परेशान हो गए हैं।

आज एक बार फिर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे बुजुर्ग दंपत्ति ने रसूखदार से अपनी जमीन पर से कब्जा हटाने की कलेक्टर से मांग की। इस पर बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने तहसीलदार से मामले में संबंधित जानकारी मांगी और बुजुर्ग दंपत्ति को अपने रजिस्ट्री के पेपर लाने कहा। मीडिया को अपनी आपबीती बताते-बताते बुजुर्ग महिला फुट फुटकर रोने लगी।

रसूखदार ने हड़पे बुजुर्ग दंपत्ति की जमीन
दरअसल, सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम दर्राभाट्ठा में रहने वाले 87 वर्षीय ध्वजाराम नवरंग के पुरखों की जमीन है, जिसमें बुजुर्ग दंपत्ति रहते है। बुजुर्ग दंपत्ति का कहना है कि, उनके पास 22 डिसमिल जमीन थी। पड़ोसी गोविन्द ने उनसे रहने के लिए जमीन मांगा। चूंकि बुजुर्ग दंपत्ति के कोई वारिश नहीं है, इसलिए उन्होंने रसूखदार पड़ोसी को 10 डिसमिल दे दिया। उसके बाद रसूखदार गोविंद की नजर बचे हुए 12 डिसमिल जमीन हड़प लिया और उसने बुजुर्गों को परेशान कर मारपीट करना शुरू कर दिया। 

फुट-फुटकर रोने लगी बुजुर्ग महिला
बुजुर्ग दंपत्ति ने थाने में शिकायत की पर कोई सुनवाई नहीं हुई। न तो थानेदार, न तहसीलदार और ना ही कलेक्ट्रेट में कोई सुनवाई हुई। अब बस जायदाद की आस लगाए बैठे दोनों बुजुर्ग दंपत्ति भटक रहे है। मीडिया के सामने अपनी आपबीती बताते हुए बुजुर्ग महिला फुट-फुटकर रोने लगी और न्याय की गुहार लगाते रही। मीडिया के पहल से कलेक्टर ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।

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