मक्का समर्थन मूल्य पर बस्तर में उबाल: 2 दिसंबर को कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे किसान

बसतर के किसानों ने मक्के का समर्थन मूल्य पाने के लिए निर्णायक संघर्ष का ऐलान कर दिया है। किसानों ने कहा है, अब चुप नहीं बैठेंगे। व्यापारियों की मनमानी को लेकर आक्रोश है

Updated On 2025-11-24 18:45:00 IST

मक्का समर्थन मूल्य पर बस्तर में उबाल

अनिल सामंत- जगदलपुर। बस्तर जिले के किसानों में मक्का के समर्थन मूल्य को लेकर गहरा असंतोष उभर आया है। किसानों ने साफ कहा है कि, अब वे अपनी मेहनत की फसल का उचित मूल्य पाने के लिए निर्णायक संघर्ष करेंगे। इंद्रावती बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में किसानों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर कार्यालय पहुँचा और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कृषि मंत्रियों के नाम संयुक्त ज्ञापन कलेक्टर हीरा गावर्ना को सौंपा।

एमएसपी 2400 खरीदा जा रहा 1500–1600 प्रति क्विंटल
किसानों का कहना है कि, एमएसपी घोषित होने के बावजूद जिले में मक्के की खरीदी 1500–1600 प्रति क्विंटल के बीच हो रही है। जबकि केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सत्र 2025–26 के लिए मक्का का समर्थन मूल्य 2400 प्रति क्विंटल तय किया है। इस कारण किसानों को प्रति क्विंटल 800–900 का भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। ज्ञापन देने के बाद भी प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई न होने पर किसानों में नाराज़गी और बढ़ गई है। 


कलेक्ट्रेट के महाघेराव का निर्णय
इन्हीं मुद्दों को लेकर जगदलपुर के मुरिया सदन में समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें बकावंड, टोकापाल, दरभा, लोहंडीगुडा, बस्तर और जगदलपुर सहित सभी ब्लॉकों से बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। बैठक में मक्का एमएसपी के साथ बोधघाट परियोजना पर भी गंभीर चर्चा हुई। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि २ दिसंबर, मंगलवार को जिला कलेक्टर कार्यालय का महाघेराव किया जाएगा।

ट्रैक्टरों में मक्का लेकर पहुंचेंगे किसान
समिति अध्यक्ष लखेश्वर कश्यप ने कहा कि, किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में मक्के की वास्तविक उपज लेकर पहुँचेंगे, जिससे प्रशासन को उत्पादन की वास्तविक स्थिति और बाजार में मिल रहे कम दामों का अंदाज़ा हो सके। उन्होंने कहा कि, बस्तर के किसानों की समस्याओं को अनदेखा करना अब क्षेत्र के विकास व कृषि तंत्र दोनों के लिए खतरा है। बैठक में सुभाष कश्यप, बोंमडा मांडवी, दयाराम कश्यप, पूरन सिंह कश्यप, बलिराम पुजारी, अंतू सेतिया, संतु मौर्य, बनसिंग मौर्य, कमलेश कश्यप, लक्ष्मण बघेल सहित अनेक किसान मौजूद थे। सभी ने संकल्प लिया कि बस्तर की आवाज़ को दबने नहीं दिया जाएगा और MSP लागू कराने व इंद्रावती नदी संरक्षण के लिए संघर्ष हर हाल में जारी रहेगा।

बस्तर के किसानों की मुख्य मांगें
मक्का का घोषित एमएसपी 2400 प्रति क्विंटल तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। व्यापारियों द्वारा कम दर पर खरीदी पर सख्त रोक लगे। समर्थन मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित कराने प्रशासन जिम्मेदारी निभाए। बोधघाट परियोजना और इंद्रावती नदी संरक्षण पर किसानों की आपत्तियों का समाधान हो। 2 दिसंबर को कलेक्टर कार्यालय महाघेराव में व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित की जाए।

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