विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला: अफसरों को साइबर अपराधों से निपटने की दी गई ट्रेनिंग
बलौदाबाजार जिले में पुलिस अधकारियों के लिए एनडीपीएस, विवेचना और साइबर अपराध मामलों की जांच पर विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई।
पुलिस प्रशिक्षण कार्यशाला
कुश अग्रवाल - बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में रविवार को पुलिस कम्युनिटी हॉल में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला एनडीपीएस, विवेचना और साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की जांच को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किया गया।
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि, एनडीपीएस और साइबर अपराधों की विवेचना में अभियोजन संबंधी त्रुटियाँ अक्सर दोषियों को लाभ पहुँचा देती हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारियों को त्रुटिरहित विवेचना पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने अधिकारियों को प्रशिक्षण का अधिकतम लाभ लेने की हिदायत दी।
एंड-टू-एंड इन्वेस्टिगेशन और फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन
विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) राकेश कुमार वर्मा ने एनडीपीएस प्रकरणों की विवेचना पर विशेष सत्र लिया। उन्होंने बताया कि, मादक पदार्थों के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में नशे की डिमांड और सप्लाई चेन पर रोक लगाने के लिए एंड-टू-एंड इन्वेस्टिगेशन और फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन आवश्यक है। उन्होंने दोषमुक्ति के कारणों को स्पष्ट करते हुए अधिकारियों को त्रुटिरहित विवेचना करने के लिए प्रेरित किया।
पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने की दी गई सलाह
विशेष लोक अभियोजक एम.के. देशपांडे ने विवेचना कार्य में खामियों को दूर करने का सुझाव दिया। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता अनादि शंकर मिश्रा और दीपा सोनी ने बचाव पक्ष की ओर से विवेचना की कमियों को उजागर करते हुए पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी।
विभिन्न अपराधों पर चर्चा
साइबर रेंज रायपुर से आए विशेषज्ञ ने साइबर अपराधों की जांच से जुड़ी तकनीकी जानकारियाँ साझा कीं। साथ ही पुलिस अधीक्षक ने अंधेकत्ल (ब्लाइंड मर्डर) जैसे मामलों की विवेचना में बरती जाने वाली सावधानियों और अनुसंधान के सूक्ष्म पहलुओं पर प्रकाश डाला।