टोकन कटने के बाद 15 दिन वेट: नहीं पहुंच रही गाड़ियां, इसलिए राशन नहीं मिल रहा
रायपुर जिले के शहर से ज्यादा अब ग्रामीण क्षेत्रों की राशन दुकानों में चावल, शक्कर एवं नमक का टोटा हो गया है।
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रायपुर। रायपुर जिले के शहर से ज्यादा अब ग्रामीण क्षेत्रों की राशन दुकानों में चावल, शक्कर एवं नमक का टोटा हो गया है, जिसके कारण कार्ड धारकों को दुकानों से बिना राशन लिए लौटना पड़ रहा है। वहीं बार-बार दुकानों के चक्कर भी लगाने पड़ रहे हैं। इसका कारण इन दुकानों में टोकन कटने के बाद 10 से 15 दिनों के बाद खाद्यान्न का भंडारण किया जा रहा है।
हालांकि नागरिक आपूर्ति निगम रायपुर के डीएम विनोद बुदीचा का कहना है कि ट्रांसपोर्ट एजेंसियों की लापरवाही और अनुबंध के अनुसार निर्धारित संख्या से गाड़ियां कम उपलब्ध कराए जाने के कारण राशन दुकानों में समय पर भंडारण नहीं हो पा रहा है। निर्धारित संख्या में गाड़ियां समय पर उपलब्ध कराई जाएंगी तो भंडारण भी समय पर हो पाएगा।
शिकायतें मिली हैं
रायपुर खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि, ग्रामीण क्षेत्रों की राशन दुकानों में समय पर खाद्यान्न भंडारण नहीं करने की शिकायतें मिली हैं। ट्रांसपोर्टिंग एजेंसी कम गाड़ियां उपलब्ध करा रही है। इसकी भी जानकारी मिली है। इस मामले में नान डीएम से बात करता हूं।
धरसींवा क्षेत्र के नान गोदाम से सबसे धीमी सप्लाई
नागरिक आपूर्ति निगम का धरसींवा में भी गोदाम है, वहीं इस क्षेत्र में 83 राशन दुकान संचालित हैं। इन सभी दुकानों में धरसींवा गोदाम से ही चावल, शक्कर एवं नमक का भंडारण किया जाता है। इन दुकानों में खाद्यान्न भंडारण के लिए तन्नू ट्रांसपोर्टिंग एजेंसी को ठेका दिया गया है। नान कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राशन दुकानों में भंडारण करने के लिए ट्रांसपोर्टिंग एजेंसी को छोटी-बड़ी मिलाकर 12 गाड़ी प्रतिदिन गोदाम में उपलब्ध कराना है, लेकिन एजेंसी मनमाने रूप से कभी 6 तो कभी 8 गाड़ियां ही उपलब्ध करा रही है। इसके कारण दुकानों में भंडारण भी समय पर नहीं हो पा रहा है। इसके कारण राशन दुकानों से हितग्राहियों को भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
हर महीने 15-20 प्रतिशत कार्ड धारकों का लैप्स हो रहा खाद्यान्न
धरसींवा क्षेत्र के 83 राशन दुकानों में कुल पंजीकृत राशन कार्डों की संख्या 62711 है। इन कार्डों में अन्त्योदय 6922, निराश्रित 467, प्राथमिकता 49423, निःशक्तजन 77 एवं एपीएल के 5822 शामिल हैं। इन कार्ड धारकों में से हर महीने लगभग 15 से 20 प्रतिशत राशन दुकानों में समय रहते भंडारण नहीं होने के कारण खाद्यान्न नहीं ले पाते। इसके अलावा ऐसे भी कार्ड धारक हैं, जिन्हें कभी शक्कर तो कभी नमक नहीं मिल पाता। इस तरह माह गुजरने के बाद इन कार्ड धारकों का खाद्यान्न लैप्स हो जाता है, क्योंकि ई-पॉस मशीन के सॉफ्टवेयर में गुजरे माह का खाद्यान्न देने का ऑप्शन ही नहीं है। इस तरह नान और ट्रांसपोर्टिंग एजेंसी की लापरवाही के कारण हर महीने बड़ी संख्या में हितग्राहियों को खाद्यान्न से वंचित होना पड़ रहा है।