बिहार में कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन: पटना में गूंजे 'वोट चोर गद्दी छोड़' के नारे, एक्शन में दिखी पुलिस

पटना में युवा कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन, वोट चोरी और अडाणी को ज़मीन देने के मुद्दे पर केंद्र-राज्य सरकार पर निशाना, पुलिस ने नेताओं को किया डिटेन।

Updated On 2025-10-07 14:26:00 IST

पटना में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते कांग्रेस कार्यकर्ता। 

Youth Congress Protest Patna: बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार (23 सितंबर 2025) को बिहार युवा कांग्रेस ने नीतीश सरकार की नीतियों के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारी बारिश के बीच सदाकत आश्रम से मार्च निकाला। वह मुख्यमंत्री आवास जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने रास्ता रोक लिया।

विरोध प्रदर्शन के दौरान वोट चोर गद्दी छोड़, अडाणी हटाओ, देश बचाओ...जैसे नारे लगाए गए। पटना पुलिस ने राजापुल के पास कई स्तर की बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस नेता बैरिकेडिंग धक्का-मुक्की करते हुए फांदने लगे। इस पर पुलिस ने बल प्रयोग किया।

पुलिस ने इस दौरान कई कार्यकर्ताओं को कॉलर पकड़कर सड़क पर घसीटा। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब को जबरन गाड़ी में बैठा लिया। अन्य नेताओं को भी डिटेन कर गाड़ियों में बिठाया गया। कुछ कार्यकर्ता पुलिस की गाड़ी पर चढ़ गए, जिन्हें हटाने काफी मशक्कत करनी पड़ी।

कांग्रेस का सरकार पर 3 गंभीर आरोप

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी और नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। तीन प्रमुख आरोपों को लेकर विरोध जताया गया।

  • भागलपुर में 10 लाख पेड़ और 1050 एकड़ जमीन अडाणी को ₹1 प्रतिवर्ष की लीज़ पर 33 वर्षों के लिए ज़मीन दी गई।
  • कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने किसानों को धमकाकर और दबाव डालकर यह ज़मीन छीनी है। 
  • पीरपैंती पावर प्लांट पर कहा, सरकार ने पहले खुद प्लांट चलाने का वादा किया था, लेकिन अडाणी समूह को सौंप दिया। 

पवन खेड़ा का बयान फिर आया चर्चा में

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का 15 सितंबर को दिल्ली में दिया गया एक बयान इस विरोध-प्रदर्शन में गूंजता रहा। उन्होंने कहा था बिहार में वोट चोरी का इंतज़ाम किया जा रहा है और जाते-जाते अडाणी को देश सौंपा जा रहा है।

प्रदर्शन का असर और राजनीतिक संदेश

युवा कांग्रेस का यह प्रदर्शन लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी की ओर से साफ संदेश दिया गया कि वे 'कॉरपोरेट फेवरिज्म' और 'वोट हेराफेरी' के खिलाफ खुलकर आवाज़ उठाएंगे।

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