Bihar Cabinet: बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द, कितने विधायक बन सकते हैं मंत्री?

बिहार में दिसंबर में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना। जेडीयू के 6 और बीजेपी के 3 विधायक बन सकते हैं नए मंत्री, जातीय संतुलन पर रहेगा फोकस।

Updated On 2025-11-30 07:39:00 IST

Nitish Kumar (file photo)

Bihar Cabinet Expansion 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला है। हाल ही में 26 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की है। नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना है। वर्तमान में राज्य सरकार में कुल 9 मंत्री पद खाली हैं, जिनमें से जेडीयू कोटे के 6 और बीजेपी कोटे के 3 पद शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, दोनों पार्टियां जल्द ही इन पदों पर नए मंत्रियों की नियुक्ति कर सकती हैं।

जेडीयू और बीजेपी के नए मंत्री होंगे शामिल

सूत्रों के अनुसार, दोनों पार्टियां जल्द ही इन पदों पर नए मंत्रियों की नियुक्ति कर सकती हैं। जेडीयू के नेतृत्व वाली पार्टी नए मंत्रियों के चयन में जातीय और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए फैसला लेंगी। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि मुख्य रूप से कुशवाहा और अति पिछड़े वर्ग के विधायकों को मंत्री पद मिलने की संभावना है। यह कदम राज्य में पार्टी के जनाधार को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया जा रहा है।

कैबिनेट में विभागों का बंटवारा

वर्तमान मंत्रिमंडल में जेडीयू और बीजेपी के मौजूदा मंत्रियों के पास दो-दो विभाग हैं। जेडीयू के बिजेंद्र प्रसाद यादव के पास पांच, विजय चौधरी के पास चार और श्रवण कुमार एवं सुनील कुमार के पास दो-दो विभाग हैं। वहीं बीजेपी के वर्तमान मंत्री विजय सिंह, मंगल पांडेय, नितिन नवीन और अरुण शंकर प्रसाद के पास भी दो-दो विभाग हैं। नए मंत्रियों के शामिल होने के बाद, विभागों का पुनर्वितरण किया जा सकता है।

भाजपा और जेडीयू के मंत्री पदों का आंकड़ा

एनडीए के सहयोगी दलों के बीच मंत्रिपरिषद में कुल 36 पदों का बंटवारा किया गया है।

  • बीजेपी के पास कुल 17 मंत्री पद (मुख्यमंत्री सहित)
  • जेडीयू के पास कुल 15 मंत्री पद (मुख्यमंत्री सहित)
  • एलजेपी के पास 2
  • एचएएम और आरएलपी के पास 1-1 मंत्री पद

इस आंकड़े के अनुसार, बीजेपी के खाते से 3 और जेडीयू के खाते से 6 नए मंत्री शामिल किए जा सकते हैं।

जेडीयू का नया चेहरा और रणनीति

सूत्रों के अनुसार, जेडीयू नए नेताओं को मौका देने पर जोर दे रही है। हालांकि, पार्टी ने यह साफ किया है कि वे दूसरे दलों के विधायकों को तोड़कर अपने पक्ष में लाने की कोशिश नहीं कर रही और ऐसे किसी कदम की फिलहाल आवश्यकता नहीं है।

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