नीतीश कुमार को खुली चुनौती: बिहार की इस लड़की ने फिर दोहराया कुर्सी से हटाने का संकल्प, राहुल ने चुटकुला सुनाकर साधा निशाना 

Pushpam Priya Chaudhary challenge to Nitish Kumar : पीपुल्स पार्टी की संस्थापक पुष्मम प्रिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पद से हटान का संकल्प लिया है।

Updated On 2024-01-30 19:29:00 IST
Pushpam Priya Chaudhary open challenge to Nitish Kumar

Pushpam Priya Chaudhary challenge to Nitish Kumar : बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद सियासी घमासान जारी है। सबसे बड़े विपक्षी दल राजद के ED दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस मुखर है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर पूर्णिया पहुंचे राहुल गांधी ने चुटकुला सुनाकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा तो वहीं 36 साल की एक लड़की ने खुली चुनौती दी है। पुष्पम प्रिया ने उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने का संकल्प लिया है। 

प्लुरल्स पार्टी की संस्थापक पुष्पम प्रिया चौधरी ने नीतीश कुमार के 9वीं बार सीएम बनने पर बधाई दी। साथ ही सोशल मीडिया पर सोशल मीडिया पर तंज भी कसा। कहा, नीतीश कुमार की यह आख़िरी पारी है। 20 माह बचे हैं। वह स्वस्थ रहें ताकि उनके व्यवहार और वक्तव्य से बिहार की जनता को शर्मिंदा न होना पड़े। पुष्मम ने आगे लिखा कि हम उम्मीद ही कर सकते हैं कि CM नीतीश कुमार जाते-जाते राज्यहित में कुछ अच्छा कर के जाएं। पुष्पम प्रिया चौधरी ने पिछले विधानसभा चुनाव में कहा था कि जब तक नीतीश कुमार को कुर्सी से नहीं हटा देती, तब तक मास्क नहीं उतारूंगी। 

चौपाल लगाकर समस्याएं सुनती पुष्मम प्रिया।

कौन हैं पुष्पम प्रिया चौधरी  (Who is Pushpam Priya Chaudhary) 
पुष्पम प्रिया बिहार के दरभंगा जिले ताल्लुक रखती हैं। 12वीं की पढ़ाई के बाद वह विदेश चली गई थीं। UK की यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स के डेवलपमेंट स्टडीज में पीजी किया। इसके लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से राजनीति विज्ञान, राजनीति दर्शन लोक प्रशासन्र अर्थशास्त्र पब्लिक, सोशल पॉलिसी और पालिटिकल कम्युनिकेशन की पढ़ाई की। पेरिस की प्रतिष्ठित संस्था ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दी। पुष्पम प्रिया ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में वोटिंग पैटर्न और व्यवहार पर शोध किया था। पांच साल बाद 2020 में राजनीतिक दल की स्थापना कर पटना की बांकीपुर और मधुबनी की बिस्फी सीट से खुद मैदान में उतरीं। कई प्रत्याशी भी उतारे, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। पुष्पम प्रिया चुनाव के बाद भी बिहार में सक्रिय हैं। सरकार के डिसीजन ओर बिहार के राजनीतिक घटनाक्रमों पर न सिर्फ पूरी नजर रखती हैं, बल्कि जरूरत समझा आने पर प्रतिक्रिया भी देती हैं। 

 

 

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